UGC New Guidelines: कॉलेज की पढ़ाई छोड़ने के बाद भी विद्यार्थियों को मिलेगा सर्टिफिकेट और डिप्लोमा, जानिए क्या है यूजीसी की नई गाइडलाइन्स?

कॉलेज की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले विद्यार्थियों के लिए यूजीसी ने एक राहत भरा फैसला लिया है।

Update: 2022-12-11 05:52 GMT

दिल्ली- कॉलेज की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले विद्यार्थियों के लिए यूजीसी ने एक राहत भरा फैसला लिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने जो नवीन गाइडलाइन जारी की है उसके अनुसार अब दूसरे और चौथे सेमेस्टर में पढ़ाई छोड़ने वाले विद्यार्थियों को डिप्लोमा और सर्टिफिकेट दिया जाएगा। बताया गया है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यूजीसी द्वारा सोमवार को 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम लांच करने जा रहा है। यह किसी भी ग्रेजुएट को नौकरी योग्य बनाने के लिए फुल पैकेज होगा। इस चार वर्षीय कोर्स की खास बात यह है कि इसमे 8 सेमेस्टर होंगे।

सीधे कर सकेंगे पीएचडी

यूजीसी से मिली जानकारी के मुताबिक कोर्स पूरा करने के बाद विद्यार्थी सीधे पीएचडी कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए यूजीसी ने कुछ मानक तय किए है। तय मानक के अनुसार चार वर्षीय कोर्स पूरा करने के साथ ही कोर्स में 75 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा।

विषय बदलने की छूट

इस प्रोग्राम में विद्यार्थियों को एडमीशन पाने के एक साल बाद यानी 2 सेमेस्टर पूरा करने के बाद भी अपना मुख्य विषय बदलने की छूट होगी। इसके अलावा एक साल या दो साल के बाद कोर्स कोर्स छोड़ने और 3 साल गैप के बाद फिर से दाखिला पाने में सुविधा होगी। इस तरह सात वर्ष में प्रोग्राम पूरा करने पर भी डिग्री मिल सकेगी। इतना ही नहीं दूसरे और चौथे सेमेस्टर मेंं पढ़ाई छोड़ने पर भी सर्टिफिकेट और डिप्लोमा दिया जाएगा।

समग्र शिक्षा का पूरा पैकेज

बताया गया है कि इस चार वर्षीय कोर्स में अडर ग्रेजुएशन के छात्रों को मल्टीपल डिसिप्लन की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। वे प्रोग्राम छोड़ने व फिर से एडमीशन पाने, सिंगल मेजर, डबल मेजर डिग्री व ऑनर्स डिग्री डिप्लोमा व सर्टिफिकेट प्रोग्राम के विकल्पों को चुन सकेंगे। गौरतलब है कि प्रोफेशनल, टेक्निकल, वोकेशनल कोर्स, इंटर्नशिप और कौशल व क्षमता विकास कोर्स समेत समग्र शिक्षा का पूरा एक पैकेज मिलेगा।

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