मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की कहानी, जानिए वो बातें जो शायद ही मालूम होंगी

Story Of Narottam Mishra: आज एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का जन्मदिन है

Update: 2023-04-15 11:07 GMT

Biography Of Narottam Mishra: 'नरोत्तम मिश्रा' मध्य प्रदेश की राइट विंग पॉलिटिक्स का बहुत बड़ा नाम है. बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के गृह मंत्री Narottam Mishra अपनी कार्यशैली और बयानबाजी को लेकर हमेशा सुर्ख़ियों में बने रहते हैं. उनके काम करने का तरीका ही उन्हें बाकी नेताओं से अलग बनाता है लेकिन उनके कभी-कभी कॉन्ट्रोवर्शियल बयान पार्टी की प्रतिष्ठा के विपरीत हो जाते हैं. आज एमपी के होम मिनिस्टर और सनातनी शेर कहलाने वाले नरोत्तम मिश्रा का जन्म दिन है. 

आज हम मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की कहानी यानी उनकी बायोग्राफी के बारे में चर्चा करेंगे, और जानेंगे कि नरोत्तम मिश्रा की राजनीति में एंट्री कैसे हुई और वे कैसे इस मुकाम तक पहुंचे 

नरोत्तम मिश्रा की जीवनी 

Story Of Narottam Mishra: 15 अप्रैल 1960 के दिन ग्वालियर जिले के ब्राह्मण परिवार में नरोत्तम मिश्रा का जन्म हुआ था. डॉ नरोत्तम मिश्रा के पिता शिवदत्त मिश्रा पेशे से एक डॉक्टर और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विस्तारक थे. नरोत्तम मिश्रा भी बचपन से RSS की विचारधारा से जुड़े हुए थे. उन्होंने ग्वालियर के संत कंवर राम हायर सेकेंडरी स्कूल से अपनी स्कूलिंग की और फिर जीवाजी यूनिवर्सिटी से बेचलर ऑफ़ कॉमर्स, हिंदी में मास्टर डिग्री और हिंदी साहित्य से PHD की पढाई की 


राजनीति में कैसे आए नरोत्तम मिश्रा 

1977-78 में डॉ नरोत्तम मिश्रा कॉलेज से ही ABVP से जुड़ गए थे, जिसके बाद वे जीवाजी यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ के सचिव बने. और इसके बाद भारतीय जन युवा मोर्चा ज्वाइन कर उन्होंने अपने राजनैतिक सफर का पहला अध्याय लिखना शुरू किया। 

1985-87 तक नरोत्तम मिश्रा MP BJP के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य बने थे 

1990 में बीजेपी ज्वाइन करने के बाद उन्हें डबरा विधानसभा से बतौर बीजेपी विधायक प्रत्याशी के रूप में उतारा गया और उन्होंने चुनाव जीत लिया।  इसके बाद 1998 में वे फिर से इसी सीट से विधायक चुने गए, 2003 में उन्हें तीसरी, 2008 में चौथी, 2013 में पांचवी और 2018 में छठी बार जनता ने उन्हें अपना विधायक चुना 

इस दौरान डॉ मिश्रा, कानून मंत्री, शिक्षा मंत्री, शहरी विकास मंत्री, संसदीय मामलों के मंत्री, आवास मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, आयुष मंत्री, सनसम्पर्क मंत्री, जल संसाधन मंत्री, और मध्य प्रदेश के गृहमंत्री के पद में रहे. 

अब नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश की राजनीति का सबसे बड़ा चेहरा हैं, और हो सकता है कि उन्हें इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सर्वोच्च पद मिल जाए 

नरोत्तम मिश्रा के विवाद 

2008 में दैनिक भास्कर और नई दुनिया जैसे समाचार पत्रों में नरोत्तम मिश्रा के फेवर वाली खबरें प्रकाशित हुई थीं. जिनका शीर्षक "तो इसी लिए सबसे अलग हैं नरोत्तम मिश्रा' इस खबर के बाद विपक्ष ने हंगामा किया और उनपर पेड न्यूज़ का आरोप लगा दिया। आरोप था कि चुनावी साल में डॉ मिश्रा ने समाचार पत्रों को पैसे देकर न्यूज़ छपवाई। 

2017 में इलेक्शन कमीशन ने नरोत्तम मिश्रा पर तीन साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया लेकिन बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट देदी। 

नरोत्तम मिश्रा बनाम जगत विजन पत्रिका 

साल 2013 में जगत विजन नामक अख़बार ने नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ 'नरोत्तम या  नरधम' हेडलाइन वाली न्यूज़ पब्लिश की, नरधम का अर्थ नरोत्तम का विपरीत होता है. इस आर्टिकल में नरोत्तम मिश्रा को जबरन वसूली करने वाला, कब्जा करने वाला, शोषण और भ्रष्टाचार करने वाला नेता और फिरौती और हत्या करवाने वाला नेता बताया गया. इस आर्टिकल के छपने के बाद भी उन्होंने समाचार पत्रिका और उसके सम्पादक के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया। 

सब्यसाची ब्रांड की हवा टाइट कर दी थी 

2021 में फैशन ब्रांड सब्यसाची ने मंगलसूत्र को बेहूदा कॉस्ट्यूम में पहनना दिखाया था, इसपर गृहमंत्री डॉ मिश्रा ने विरोध करते हुए कहा था कि- मंगलसूत्र हिन्दू महिलाओं द्वारा पहने जाने वाला पवित्र और पारम्परिक हार है, उन्होंने इस विज्ञापन को अश्लील और आपत्तिजनक बातया था. जिसके बाद कंपनी ने माफ़ी मंगाते हुए अपना विज्ञापन बंद कर दिया था 

बॉलीवुड बनाम नरोत्तम मिश्रा 

डॉ मिश्रा हिंदू भावनाओं को छेड़ने वाले फिल्म मेकर्स के खिलाफ हमेशा खड़े रहते हैं. उन्होंने लीना मणिमेकलाई द्वारा मां काली के बनाए पोस्टर का पुरजोर विरोध किया था, इसके बाद आदिपुरुष फिल्म में हनुमान जी के कस्टयूम को लेकर आवाज उठाई थी. लेकिन पठान फिल्म का विरोध करना उनके लिए अच्छा साबित नहीं हुआ था. 

नरोत्तम मिश्रा हाइलाइट तब हुए जब उन्हें गृहमंत्री का पद मिला, या यूं कहें कि इसी पद ने उन्हें खुलने का  मौका दिया। उन्होंने पुलिस के शब्दकोष ने जब 350 उर्दू शब्द हटाने के लिए कहा तब खूब हंगामा हुआ था.नरोत्तम मिश्रा प्रो हिन्दू नेता वाली छवि रखते हैं, और यही कारण है कि उन्हें प्रदेश की जनता पसंद करती है. 




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