एमपी में आयुष्मान योजना घोटाला: इंदौर के सात अस्पतालों ने गरीबों को भी जमकर लूटा
Ayushman Yojana Scam News MP: एमपी का इंदौर जहां आयुष्मान कार्ड बनाने में पूरे प्रदेश में नंबर वन पर है तो दूसरी ओर योजना में अस्पतालों द्वारा किए जाने वाले फर्जीवाड़े की पोल पट्टी भी सामने आने लगी है।
Ayushman Yojana Scam News MP : एमपी का इंदौर जहां आयुष्मान कार्ड बनाने में पूरे प्रदेश में नंबर वन पर है तो दूसरी ओर योजना में अस्पतालों द्वारा किए जाने वाले फर्जीवाड़े की पोल पट्टी भी सामने आने लगी है। इंदौर के अस्पतालों को तीन वर्ष के दौरान 1आयुष्मान योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा 140 करोड़ की राशि प्रदान की गई। किंतु पूरा पैसा गरीबों और जरूरमतदों के इलाज पर नहीं लग सके हैं।
दर्ज कराई जा सकती है एफआईआर
आयुष्मान भारत योजना में इंदौर के सात अस्पतालों द्वारा बड़ी गड़बड़ी किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। सूत्रों की मानें तो अधिकतर अस्पतालों ने ओपीडी या शिविर में आए मरीजों का फोटो खींचकर उन्हें भर्ती मरीज बता दिया। जिसका परीक्षण स्टेट हेल्थ एजेंसी द्वारा चयन किए गए दो कंपनियों द्वारा भी ठीक से नहीं किया गया। जिसके चलते अस्पतालों की गड़बड़ी पकड़ में नहीं आई। योजना का संचालन करने वाली स्टेट हेल्थ एजेंसी अब इन पर कार्रवाई करने का मन बना रही है। जिसके तहत फर्जीवाड़ा करने वाली अस्पतालों पर अर्थदंड लगाने के साथ योजना से बाहर करने की कार्रवाई भी की जाएगी। इसके साथ ही एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकती है। अभी इनको कारण बताओ नोटिस थमाया गया है। आगे की कार्रवाई जवाब आने पर की जाएगी।
इन अस्पतालों को थमाया नोटिस
आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी किए जाने पर इन अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है। जिसमें अरबिंदो मेडिकल कॉलेज, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, रेटिना, आनंद अस्पताल, गोकुलदास और लक्ष्मी मेमोरियल अस्पताल शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो इंदौर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा अब अस्पतालों को कार्रवाई से बचाने की कोशिश भी की जा रही है। उनकी पूरी ताकत लगा रहे हैं कि गड़बड़ी करने वाली अस्पतालों पर एफआईआर दर्ज न होने पाए।
निजी मेडिकल कॉलेज में ज्यादा गड़बड़ी
योजना में सर्वाधिक गड़बड़ी एक निजी मेडिकल कॉलेज की सामने आई है। जिसके द्वारा करीब साढ़े तीन सौ मरीजों को आयुष्मान योजना के पोर्टल पर भर्ती दिखाया गया था। किन्तु स्टेट हेल्थ एजेंसी की टीम जब जांच करने के लिए पहुंची तो 70 मरीज भी नहीं पाए गए। स्टेट हेल्थ एजेंसी द्वारा अब उन मरीजों से पूछताछ किया जाएगा जिनके नाम से बिल दावा राशि के लिए अस्पतालों द्वारा लगाया गया था। इसके साथ ही जो मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं उनसे इस संबंध में फोन से पूछताछ होगी।
ऐसे दिया गड़बड़ियों को अंजाम
अस्पतालों में योजना के तहत जमकर गड़बड़ी की गई। सूत्रों की मानें तो जिन मरीजों को सामान्य वार्ड में दो दिन रखकर उपचार किया जा सकता था, उन्हें बिल बढ़ाने के लिए अस्पताल संचालकों द्वारा आईसीयू में रखकर उपचार किया गया। वहीं ऐसे मरीज जिन्हें केवल ओपीडी में उपचार देकर ठीक किया जा सकता था उनको भी भर्ती कर उपचार किया गया। इतना ही नहीं मरीजों को भर्ती करने के सात दिन पहले तक की जांचों का भुगतान आयुष्मान योजना से लेना था किंतु मरीजों से भी इसका भुगतान लिया गया।
सीएम हेल्प लाइन में भी की गई शिकायतें
आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी को लेकर सीएम हेल्प लाइन में भी जमकर शिकायतें की गईं। इंदौर जिले की बात की जाए तो यहां पर सौ शिकायतें लंबित हैं। जिसमें कार्डधारकों द्वारा शिकायत की गई है कि शासन से राशि मिलने के बावजूद उनसे जांच का पैसा अस्पताल संचालकों द्वारा वसूल किया गया। अस्पतालों द्वारा शासन से पैसा भी लिया गया किंतु इसको मरीजों को नहीं लौटाया गया। कुछ प्रकरण ऐसे भी बताए गए हैं जिसमें योजना के अंतर्गत मरीज को उपचार के लिए भर्ती तो कर लिया गया किंतु उसके प्रकरण में आयुष्मान कोड ही नहीं डाला गया।
इनका कहना है
इस संबंध में स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े के मुताबिक योजना में गड़बड़ी पर अस्पतालों को नोटिस थमाया गया है। आगे की कार्रवाई जवाब मिलने के बाद की जाएगी। सभी अस्पतालों का भुगतान रोक दिया गया है। इंदौर सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या का कहना है कि राज्य स्तर से जांच में जिन अस्पतालों द्वारा योजना में गड़बड़ी मिली है उसकी जांच के निर्देश मिले हैं। आयुष्मान योजना की गाइड लाइन के अनुसार जांच चल रही है।