रीवा: सूखे मौसम में भी तलैया नजर आ रही सड़क, भाजपा सरकार के विकास का नमूना
सूखे मौसम में भी तलैया नजर आ रही सड़क, भाजपा सरकार के विकास का नमूना रीवा। प्रदेश में लगातार भाजपा की सरकार होने और क्षेत्र से भाजपा विधायक
रीवा। प्रदेश में लगातार भाजपा की सरकार होने और क्षेत्र से भाजपा विधायक को लगातार विजय मिलने के बावजूद भी देवस्थान की दो-चार किलोमीटर सड़क खस्ताहाल है। जो सड़क सूखे मौसम में तलैया नजर आ रही है उसका बरसात के मौसम में क्या हाल रहता है यह तो वहां की जनता ही बयां कर सकती है।
हम बात कर रहे हैं देवतालाब की स्थानीय सड़क को लेकर जहां प्रसिद्ध भोलेनाथ का मंदिर है और लाखों लोग देश के कोने-कोने से दर्शन के लिए पहुंचते रहते हैं। लेकिन उस सड़क को देखकर लोग क्या कहते होंगे तनिक भी किसी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि अथवा अधिकारी को चिंता नहीं है।
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जानकारी अनुसार देवतालाब के शिवपुरा बाइपास से लेकर शिव मंदिर तक सड़क में कहीं धूल तो कहीं पानी का भराव बना रहता है। जहां आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। सड़क का नामोनिशान नहीं बचा है। लोगों को आने जाने में बेहद समस्या का सामना करना पड़ता है। फुटपाथी दुकानदार से लेकर बड़े दुकानदार दिन भर धूल फाकते बैठे रहते हैं। शौचालय की भी व्यवस्था शून्य है। ऐसी अव्यवस्था देखकर लगता ही नहीं कि यहां से कोई जनप्रतिनिधि नेतृत्व कर रहा है।
भगवान की नगरी राजनीति का शिकार
इस सड़क की हालत देखकर तो यही अनुमान लगाया जा सकता है कि सड़क की दुर्दशा राजनीति का शिकार है। जबकि लगातार एक ही पार्टी का विधायक यहां से चुना जा रहा फिर भी इस सड़क का निर्माण न होने से कई सवाल खड़े होना स्वाभाविक है। चाहे जिस कारण भी यह सड़क खस्ताहाल हो लेकिन क्षेत्रवासियों सहित भगवान भोलेनाथ के दर्शनार्थ पहुंचने वालों की यही गुजारिश होगी कि कम से कम भगवान भोलेनाथ की नगरी में राजनीति न करें। दो-चार किलोमीटर सड़क जो भगवान के मंदिर जाने का मार्ग उसे राजनीति से मुक्त रखें तो बेहतर होगा।
दशकों से खस्ताहाल सड़क
सड़क की खस्ताहाल दशा कोई नई है बल्कि यह एक से ज्यादा समय से खराब है और यहां की जनता दंश झेल रही है। जिस नाम से विधानसभा सीट का परिचय है वही स्थान मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज है। ऐसी स्थिति में देवतालाब क्षेत्र का कितना विकास हुआ होगा यह देवतालाब पहुंचकर अनुमान लगाया जा सकता है।
हालांकि ऐसा नहीं है कि सड़कों का निर्माण क्षेत्र में नहीं हुआ है। कई खराब सड़कों का निर्माण कराया गया है लेकिन भोलेनाथ की नगरी को जाने क्यों दरकिनार किया गया है, यह समझ से परे है?
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