रीवा: टॉयलेट पर दो सौ करोड़ रूपये खर्च पर भी बनी हुई है यह स्थित, पढ़िए..
रीवा: टॉयलेट पर दो सौ करोड़ रूपये खर्च पर भी बनी हुई है यह स्थित, पढ़िए.. रीवा। खुले में शौच को समाप्त करने तथा स्वच्छ टॉयलेट की बात महज नाकाफी
रीवा: टॉयलेट पर दो सौ करोड़ रूपये खर्च पर भी बनी हुई है यह स्थित, पढ़िए..
रीवा। खुले में शौच को समाप्त करने तथा स्वच्छ टॉयलेट की बात महज नाकाफी लग रही हैं। क्योंकि जिले में बनाए गए टॉयलेट की जो स्थित है उससे माना जा रहा है कि टायलेट भी खाओं कमाओं में सिमट कर रह गया।
60 फीसदी टॉयलेट की हालत खराब
जानकारी के मुताबिक जिले में टॉयलेट बनाने के लिए लगभग 200 करोड़ रूपये खर्च किए है। उक्त राशि से तैयार 60 फीसदी टॉयलेट जर्जर होने लगे है। जिसके चलते शौचायल का उपयोग करने की बजाए उक्त परिवार खुले में शौच को अपनाने लगा है।
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6 वर्ष चला अभियान
वर्ष 2014 से 2019 तक स्वच्छ भारत मिशन पंचायत एंव ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा चलाया गया। इस दौरान साढ़े तीन लाख परिवारो ंको चिहिंत किए गया। जिनके घरो में टॉयलेट नही था उन्हे सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि देकर यह सुविधा बनाई गई। लेकिन निर्माण में गुणवत्ता का घ्यान नही दिए गया जिसके चलते एक बार फिर खुले में शौच को बढ़ावा मिलने लगा है।