स्कूटर से 66 हजार 720 किलोमीटर की यात्रा कर पहुंचे चित्रकूट, नौकरी त्याग मां को करा रहे भारत दर्शन
MP News: अपनी मां को भारत दर्शन कराने की ठानकर निकले कृष्ण कुमार एमपी के चित्रकूट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मां के साथ स्कूटर से 66 हजार 720 किलोमीटर का सफर तय किया।
अपनी मां को भारत दर्शन कराने की ठानकर निकले कृष्ण कुमार एमपी के चित्रकूट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मां के साथ स्कूटर से 66 हजार 720 किलोमीटर का सफर तय किया। इनकी यात्रा में तीन देश नेपाल, भूटान और म्यांमार शामिल हैं। कृष्ण कुमार कर्नाटक मैसूर के रहने वाले हैं। वह एक मल्टी नेशनल कंपनी में टीम लीडर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। एक दिन उन्होंने कुछ प्रमुख मंदिरों के नाम गिनाते हुए मां से प्रश्न किया कि इन मंदिरों के दर्शन करने गई हो क्या। जिस पर मां ने कहा कि बेटा मैं आज तक घर के पास वाले मंदिर तक नहीं जा सकी। जिस पर उन्हें बड़ा दुःख और उन्होंने मां को भारत दर्शन कराने की ठान ली।
वर्ष 2018 में आरंभ किया भारत भ्रमण
मध्यप्रदेश के चित्रकूट अपनी मां चूड़ारत्ना के साथ स्कूटर पर सवार होकर पहुंचे कृष्ण कुमार के मुताबिक वह कर्नाट राज्य के मैसूर के निवासी हैं। उन्होंने कम्प्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री की है। मल्टी नेशनल कंपनी में टीम लीडर के रूप में कार्यरत थे। मां से प्रमुख मंदिरों के नाम गिनाने के बाद उन्होंने यह पूछा कि आप यहां दर्शन कर आई हैं क्या। जिस पर मां का जवाब सुनकर उन्हें बहुत दुख हुआ। तभी उन्होंने मां को भारत भ्रमण कराने की ठान ली। जिसके बाद उन्होंने नौकरी से अपना त्याग पत्र दे दिया। स्वर्गीय पिता द्वारा 20 साल पूर्व दिए गए स्कूटर में सवार होकर जनवरी 2018 को मां के साथ भारत भ्रमण पर निकल गए थे। अब तक वह स्कूटर से 66 हजार 720 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं।
अविववाहित रहने का लिया निर्णय
मां को भारत दर्शन कराने का संकल्प लेकर स्कूटर से निकले कृष्ण कुमार के मुताबिक उन्होंने मां के सपने को पूरा करने के लिए आजीवन ब्रह्मचारी या अविवाहित रहने का फैसला भी ले लिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग घर में माता-पिता की फोटो लगाकर उस पर चंदन टीका लगाते हैं जिससे कुछ भी नहीं होने वाला। हमें कोशिश करनी चाहिए कि बचपन में जिस प्रकार माता-पिता हमारा ख्याल रखते हैं उसी तरह वृद्धावस्था में हम अपने माता-पिता का ध्यान रखें। उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि माता-पिता धरती के भगवान हैं। माता-पिता हमें जन्म देते हुए जिस प्रकार हमारा लालन-पालन करते हैं उसी प्रकार बड़े होने पर हमें भी उनका ख्याल रखना चाहिए।