Rani Kamlapati Railway Station Bhopal: हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम हुआ रानी कमलापति, 15 को PM MODI करेगे लोकार्पण, जानिए इतिहास?

पहला वर्ल्ड क्लास (world class) का रेलवे स्टेशन बना भोपाल का Rani Kamlapati Railway Station.

Update: 2021-11-13 06:38 GMT

Habibganj Railway Station

भोपाल: पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) अंतर्गत एमपी के भोपाल का हबीबगंज रेल्वे स्टेशन (Habibganj Railway Station) अब रानी कमलापति स्टेशन (Rani Kamlapati Railway Station Bhopal) के नाम से जाना जाएगा। राज्य के परिवहन विभाग ने स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, जिसे शुक्रवार को मंजूरी दे दी गई। बता दें रानी कमलापति भोपाल की अंतिम गोंड आदिवासी शासक थीं।

दरअसल देश का पहला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन हबीबगंज नए रूप में बनकर तैयार हुआ है और इस स्टेशन का लोकापर्ण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को करेंगे। इस स्टेशन में अब शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, हॉस्पिटल, मॉल, स्मार्ट पार्किंग, हाई सिक्योरिटी समेत कई आधुनिक सुविधाएं बनाई गई है।

हबीबगंज गांव से तय हुआ सफर

वरिष्ठ लेखक की माने तो हबीबगंज गांव का नाम था। हबीबगंज नाम इसलिए पड़ा, क्योंकि यहां की हरियाली और झीलें इसकी सुंदरता को बढ़ा देती थी। अरबी भाषा में हबीब का अर्थ होता है प्यारा और सुंदर। हरियाली और झीलों के बीच बसे इस गांव का नाम भोपाल के नवाब की बेगम ने हबीबगंज रखा था।

1952 में मौजूदा रेल नेटवर्क को एडमिनिस्ट्रेटिव पर्पज के लिए 6 जोन में डिवाइड किया गया। इसके बाद कई स्टेशन बनाए गए। इनमें हबीबगंज भी शामिल था। हबीबगंज रेलवे स्टेशन का निर्माण 1979 में किया गया।

बेगम शाहजहां ने दी थी जमीन

मध्यप्रदेश के इतिहास पर लिखी गई किताब 'चौथा पड़ाव' में रेलवे स्टेशन की कहानी भी है। जिसमें उल्लेख है कि भोपाल नवाब परिवार की मिल्कियत वाली जमीनों में 122.36 किलोमीटर रेलवे लाइन भी थी। होशंगाबाद से भोपाल तक 70.80 किमी रेल लाइन के लिए बेगम शाहजहां ने 1 नवंबर 1884 को जमीन दी थी। इसके लिए उन्होंने अंग्रेजी सरकार के साथ एग्रीमेंट किया था। इसके बाद भोपाल स्टेट रेलवे बनाया गया था। इसमें बेगम शाहजहां ने 50 लाख रुपए दान दिए थे।

रेल यातायात को लेकर बेहतर सोच रखने वाली शाहजंहा की बेगम ने रेल विस्तार को आगे भी बढ़ाया और भोपाल से उज्जैन के बीच 51 किमी रेल लाइन के लिए भी 1 जनवरी, 1891 को जमीन दी थी। उन्होंने जमीन के साथ रेलवे लाइन के लिए 20.80 लाख रुपए भी दिए थे। इतनी ही राशि सिंधिया राजघराने ने दी थी, क्योंकि उज्जैन के हिस्से में भी उनकी मिल्कियत थी।

आईएसओ प्रमाणित है यह पहला स्टेशन

हबीबगंज देश में पहला आईएसओ-9001 प्रमाणित रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन भारत की पहली सर्टिफाइड ट्रेन शान-ए- भोपाल एक्सप्रेस का हेडक्वार्टर भी है, जहां कई बड़ी ट्रेनों का स्टॉपेज है।

स्टेशन में किए गए सौ करोड़ खर्च

पीपीपी योजना के तहत 14 जुलाई 2016 को रेलवे ने हबीबगंज के मॉडर्नाइजेशन के लिए पहला कॉन्ट्रेक्ट किया। बंसल ग्रुर्प से करार के बाद 5 सालों तक चले मॉडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट के बाद जुलाई 2021 में हबीबगंज स्टेशन बनकर तैयार हो गया। यहां वर्ल्ड क्लास सुविधाएं हैं। इन पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च करके यात्रियों की सुविधाओं को बेहतर किया गया हैं। आने वाले समय में स्टेशन को ब्रिज के जरिए तैयार हो रहे मेट्रो स्टेशन से भी जोड़ा जाएगा।

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