Jabalpur Lokayukta Raid: एमपी के जबलपुर में लोकायुक्त की रेड, आबकारी कार्यालय में पदस्थ बाबू 5 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार
MP News: सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी का बोलवाला है। ऐसा ही एक मामला एमपी के जबलपुर का प्रकाश में आया है जहां लोकायुक्त पुलिस ने बाबू को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी का बोलवाला है। यहां लोगों के काम को तब तक अंजाम नहीं दिया जाता जब तक काम की एवज में चढ़ोत्तरी न चढ़ाई जाए। पीड़ित अपने काम के लिए भटकता रहे इसकी परवाह न तो यहां पदस्थ अधिकारियों को है न ही कर्मचारियों को। ऐसे में अपना काम कराने के लिए मजबूरीवश लोगों को रिश्वत देना ही पड़ता है। ऐसा ही एक मामला एमपी के जबलपुर का प्रकाश में आया है जहां लोकायुक्त पुलिस ने बाबू को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
जबलपुर आबकारी विभाग में लोकायुक्त ने दी दबिश
जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार की दोपहर रसल चौक स्थित आबकारी उपायुक्त कार्यालय में दबिश दी। यहां छापामार कार्रवाई करते हुए सहायक ग्रेड 3 में पदस्थ बाबू को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा गया। बाबू को 5 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है। लोकायुक्त की इस कार्रवाई के दौरान आबकारी उपायुक्त कार्यालय में अफरा तफरी का माहौल निर्मित रहा। बाबू पर हुई इस कार्रवाई के बाद कार्यालय में चर्चाओं का बाजार भी गरम हो गया।
एरियर्स राशि की एवज में मांगी थी रिश्वत
आबकारी विभाग में पदस्थ हेड कांस्टेबल रामचरण प्रजापति को एरियर्स की राशि मिलने वाली थी। यह राशि तकरीबन एक लाख रुपए थी। जिसके निकालने की एवज में सहायक ग्रेड-3 बाबू अशोक द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी। बाबू का कहना था कि जब तक रिश्वत की राशि नहीं मिलेगी तब तक एरियर्स की राशि नहीं निकल पाएगी। जिससे तंग आकर पीड़ित ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस से कर दी।
बाबू को रिश्वत की रकम के साथ किया गिरफ्तार
हेड कांस्टेबल रामचरण प्रजापति द्वारा एरियर्स निकालने की एवज में सहायक ग्रेड-3 बाबू द्वारा मांगी जा रही रिश्वत की शिकायत सोमवार को लोकायुक्त एसपी से की गई। जिसके बाद आज लोकायुक्त की टीम ने आबकारी उपायुक्त कार्यालय में रेड की। इस दौरान बाबू अशोक जायसवाल को 5 हजार रुपए की रिश्वत के साथ लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों दबोच लिया। लोकायुक्त की कार्रवाई अभी जारी है। लोकायुक्त की कार्रवाई से कार्यालय में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई। यहां उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त की ताबड़तोड़ कार्रवाईयों के बावजूद सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी का चलन थमने का नाम नहीं ले रहा है।