Madhya Pradesh में 16 माह में तीसरी बार बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव, विरोध शुरू
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में फिर बढ़ सकतीं है बिजली की दरें
Madhya Pradesh Electricity Bill News: मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने बिजली की दरों में 6 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव बनाकर विद्युत नियामक आयोग को भेजा है। जिस आयोग में 14 दिसंबर को सुनवाई होनी है। अगर कंपनी के पक्ष में फैसला होता है तो 16 माह मंे तीसरी बार बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी होगी। दूसरी ओर इसका विरोध भी शुरू हो चुका है। नागरिक उपभोक्ता मंच ने ऊर्जा सचिव को नोटिस भेजकर कहा है कि केन्द्र सरकार ने कोविड 19 को नोटिफाइड आपदा घोषित किया है। जनहित में फेसला लेते हुए वर्ष 2022-23 में बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी न की जाए।
मामले में नागरिक उपभोक्ता मंच के डा. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने भेजे नोटिस में कहा है कि कोरोना महामारी की स्थिति अन्य आपदाओं से अलग है। प्रदेश के सभी नागरिकों को आर्थिक से जूझना पड़ रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी 30 जून 21 को कोरोना से मृत व्यक्तियों के परिजनों को आर्थिक राहत देने के निर्देश दिये हैं।
बताया गया है कि आपदा प्रबंधन कानून की धारा 2 के तहत न्यूनतम मापदंडों की गाइडलाइन बनाई गई है। इसी गाइड लाइन के तहत 2022-23 में बिजली की दर न बढ़ाई जाय। उन्होंने मांग की है कि इस संबंध में प्रदेश सरकार जल्द से जल्द निर्णय लेकर विद्युत नियामक आयोग को आवश्यक दिशा निर्देश जारी करे।
उपभोक्ताओं पर भार डालने की तैयारी
बिजली कंपनी विद्युत दरों में बढ़ोत्तरी करके उपभोक्ताओं अतिरिक्त भार डालने की तैयारी में जुट गई है। उपभोक्ता एक तरफ मनमानी बिलों को लेकर परेशान हैं तो दूसरी बिजली कंपनी दरें बढ़ाने और परेशानी में डालने का मन बना लिया है। सबसे ज्यादा परेशानी मध्यम वर्ग के लोगों को उठानी पड़ रही है। देखा जा रहा है कि बिजली कार्यालयों में मनमानी बिलों को लेकर उपभोक्ताआंे की प्रतिदिन लाइन लगी रहती है। उपभोक्ताओं की समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है बल्कि और परेशानी में डालने की कोशिश की जा रही है। वैसे भी उपभोक्ता पिछले दो साल से कोरोना संकट से परेशान हैं।