एमपी में सियासी उथल-पुथल की संभावना, मुखिया और संगठन में बदलाव की अटकलें
भोपाल। प्रदेश में कोरोना की रफ्तार थमते ही सियासी उथल-पुथल शुरू हो गई है। दमोह चुनाव की हार के बाद से ही भाजपा में संगठन स्तर पर बदलाव को लेकर चर्चा शुरू हो गई हैं। बंद कमरों में बड़े नेताओं की बैठकों के बाद अब सांसद नेताओं के संभावित भोपाल दौरे को लेकर ज्यादा ही सुगबुगाहट होने लगी है।
भोपाल। प्रदेश में कोरोना की रफ्तार थमते ही सियासी उथल-पुथल शुरू हो गई है। दमोह चुनाव की हार के बाद से ही भाजपा में संगठन स्तर पर बदलाव को लेकर चर्चा शुरू हो गई हैं। बंद कमरों में बड़े नेताओं की बैठकों के बाद अब सांसद नेताओं के संभावित भोपाल दौरे को लेकर ज्यादा ही सुगबुगाहट होने लगी है।
मिली जानकारी के अनुसार दमोह चुनाव के बाद से ही भाजपा नेता आपसी बयानबाजी में फंसे हैं। दो दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और नरोत्तम मिश्रा के बीच बंद कमरे में बातचीत हुई। इसके बाद शर्मा ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 3 पदाधिकारी भी मौजूद रहे। बताया जाता है कि संगठन में सिंधिया खेमे के लोगों को नई जिम्मेदारी देने और उन्हें शामिल करने को लेकर चर्चा हुई।
जो बात सामने आ रही
बताया जाता है कि सिंधिया को अब तक केंद्रीय मंत्री का पद नहीं मिला है। इसे लेकर भी पार्टी के शीर्ष नेताओं पर काफी दबाव है। ऐसे में सूत्रों की मानें तो केंद्र में विस्तार हुआ तो जल्द ही सिंधिया को केंद्रीय मंत्री पद मिलना तय।
बीते दिवस दिल्ली की 7 लोककल्याण मार्ग प्रधानमंत्री के निवास में बैठक के बाद कयास और अटकलें और तेज हैं। संभावित पर सब की नजरें टिकी हुई है।
राजनैतिक गलियारों से मिल रही जानकारी
बता दें कि राजनैतिक गलियारों में चर्चा अनुसार मध्यप्रदेश के तीन नेता दिल्ली में मंत्री बनाये जाने की खबर है। जिनमें शिवराज सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम शामिल है। तो दूसरी ओर वीडी शर्मा अथवा नरोत्तम मिश्रा में से किसी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है एवं प्रदेश संगठन में सामाजिक संतुलन बैलेंस करने के हिसाब से कमान अनुभवी नेता प्रहलाद पटेल को दी जा सकती है। जबकि इन अटकलों के बीच प्रदेश गृह मंत्री का बयान सामने आया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ही रहेंगे।