एमपी: शादी में अब घोड़ी नहीं चढ़ सकेंगे दूल्हे राजा, लगाया गया प्रतिबंध
शादी ब्याह का समय चल रहा है। लेकिन इंदौर कलेक्टर ने इस भरे सीजन में घोड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
शादी ब्याह का समय चल रहा है। लेकिन इंदौर कलेक्टर ने इस भरे सीजन में घोड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध का असर ऐसा होगा कि दूल्हे राजा घोड़ी पर सवार नहीं हो पाएंगे। अगर दबी मे किसी दूल्हे ने घोड़ी चढ़ने का सपना पूरा करना चाहा तो वह सरकारी ससुराल में पहुंच सकता है। इतना ही नहीं उसे जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। गनीमत इसी में है कि अब घोड़ी चढ़ने का सपना छोड़ दुल्हे राजा कार में सवार होकर ससुराल जाए और धूमधाम से शादी कर वापस लौटे। साथ ही गांव में बैलगाड़ी के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पशुओं के साथ क्रूरता ठीक नहीं
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बारात में घोड़ी और बैलगाड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस आदेश के तहत अब दूल्हे राजा को घोड़ी चढ़ने का सपना अधूरा रह जाएगा। यह आदेश कलेक्टर ने पशु क्रूरता अधिनियम के तहत जारी किया है। लेकिन एक विकल्प अभी भी बचा हुआ है। कलेक्टर ने एक व्यवस्था दी है जिसके तहत आप घोड़ी चढ़ सकते हैं।
लेना होगा लायसेंस
कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि जिन्हें घोड़ी पर सवार हुए बिना शादी नहीं करनी है तो उन्हें एनिमल वेलफेयर बोर्ड फरीदाबाद से लाइसेंस लाना होगा। शादी उत्सव में जानवरों का उपयोग पूर्णतयः प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसलिए कानून के दायरे में रहकर अपने उत्सव संपन्न करें।
बैलगाड़ी उपयोग पर नियम
वही बैलगाड़ी के संबंध में कलेक्टर का कहना है कि सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर के 3 बजे तक बैलगाड़ी पर प्रतिबंध रहेगा। इसके बाद प्रतिबंधित समय को छोड़कर बैलगाड़ी का उपयोग गांव के लोग कर सकते हैं। लेकिन समय का विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
बैलगाड़ी पर रोक मौसम को देखते हुए लगाया गया है। दोपहर के समय तेज गर्मी की वजह से बैलों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है इसलिए विशेष समय पर प्रतिबंध लगाया गया है।
क्या है नियम
बताया गया है कि यह प्रतिबंध घोड़ी के साथ ही, घोड़ा, ऊंट तथा अन्य किसी जानवर का उपयोग व्यवसाय किया मनोरंजन के लिए नहीं किया जा सकता। अगर कोई करता है तो उस पर पशु क्रूरता अधिनियम 1969 की धारा 11 व आईपीसी की धारा 428, 429 के तहत मामला पंजीबद्ध किया जा सकता है। साथ ही आरोप सिद्ध होने पर 2 साल तक की सजा और जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।