MP में 16 से कम उम्र के बच्चों की कोचिंग में No Entry, आदेश जारी; मनमानी फीस वसूलने वालों को होगी जेल
कोचिंग संस्थानों के संचालन पर मध्य प्रदेश सरकार ने सख्ती की है। केंद्र की नई गाइडलाइन पर शुक्रवार को मध्य प्रदेश में भी हरी झंडी दे दी गई है।
भोपाल. कोचिंग संस्थानों के संचालन पर मध्य प्रदेश सरकार ने सख्ती की है। केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन पर शुक्रवार को प्रदेश में भी हरी झंडी दे दी। नए आदेश में अब कोई कोचिंग संस्थान बिना पंजीयन नहीं खुलेगा। इसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चों को दाखिला भी नहीं मिलेगा। मनमानी फीस वसूली पर जेल के भी प्रावधान हैं। कोचिंग संस्थानों की निगरानी के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलसचिव और स्कूल प्राचार्यों को जिम्मेदारी दी है।
वर्तमान में प्रदेश में 40 हजार से अधिक कोचिंग इंस्टिट्यूट संचालित हो रहें हैं। इनमें से कई संस्थान ऐसे भी हैं जो कम उम्र से बच्चों को एड्मिशन देना शुरू कर देते हैं।
जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक, जो भी कोचिंग इंस्टीट्यूट नियमों की अवहेलना करेगा उसे पहली बार में 25 हजार का जुर्माना, दूसरी बार में एक लाख रुपए का जुर्माना और तीसरी बार उल्लंघन करने पर रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
क्यों लाया गया यह नियम
दरअसल, पिछले कई सालों से कोचिंग में पढ़ने वाले स्कूल स्टूडेंट्स के आत्महत्या जैसे कई मामले सामने आ रहें हैं। बच्चे स्कूल के साथ-साथ कोचिंग के दबाव को झेल नहीं पाते हैं। इस वजह से वे आत्मघाती कदम उठा लेते हैं। केंद्र सरकार ने इसी से बचाव के लिए 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोचिंग में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है।
केंद्र सरकार के इसी दिशा-निर्देश को मध्यप्रदेश के शिक्षा विभाग ने राज्य में लागू किया है। इस आदेश का मध्य प्रदेश कोचिंग एसोसिएशन (एमपीसीए) ने स्वागत किया है। साथ ही मांग भी की है कि आदेश का पालन करने के लिए सरकार द्वारा कोचिंग कंट्रोल एंड रेगुलेशन एक्ट तैयार किया जाना चाहिए।
क्या-क्या बदलाव होंगे
- IIT-JEE, NEET, MBBS कोर्स में सुरक्षा संबंधी NOC अनिवार्य
- छात्रों की परेशानी दूर करने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सहायता मिलेगी
- संस्थान रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं देंगे
- 50 + छात्रों को ट्यूशन, निर्देश या मार्गदर्शन को कोचिंग कहा जाएगा
- परामर्श, खेल-नृत्य, थिएटर, गतिविधियां दायरे से बाहर