MP : ट्रेन में सफर के दौरान मां की अचानक मौत और शव के पास खेलती रहीं अबोध बच्चियां
खंडवा। कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। मां की मौत से अनजान दोनों मासूम बेटियां शव के पास खेलती रहीं। बता दें कि गुरुवार सुबह 11 बजे हरदा रेलवे स्टेशन के पास महिला नूरजहां की तबीयत बिगड़ गई। खंडवा पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। खंडवा स्टेशन पर महिला का शव उतारा गया। दोनों मासूम बेटियों को नहीं पता था कि उनकी मां की मौत हो गई है, दोनों अभी भी मां के शव के पास खेल रहे थे।
खंडवा। कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। मां की मौत से अनजान दोनों मासूम बेटियां शव के पास खेलती रहीं। बता दें कि गुरुवार सुबह 11 बजे हरदा रेलवे स्टेशन के पास महिला नूरजहां की तबीयत बिगड़ गई। खंडवा पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। खंडवा स्टेशन पर महिला का शव उतारा गया। दोनों मासूम बेटियों को नहीं पता था कि उनकी मां की मौत हो गई है, दोनों अभी भी मां के शव के पास खेल रहे थे।
मासूम समझ रहे मां सो रही
मासूमों को यह नहीं पता था कि जिस मां के पास वह खेल रहे हैं, उसकी मौत हो चुकी है, बच्चे काफी देर तक अपनी मां के शव के पास खेलते रहे, इस बात से अंजान कि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं रही। मामला खंडवा का है जहां कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन में एक गर्भवती महिला की मौत हो गई, बच्चे सोच रहे थे कि मां सो रही है, जिसने भी इस दृश्य को देखा,उसका कलेजा मुंह को आ गया।
गर्भवती थी महिला
उल्टी आने पर महिला ट्रेन के वॉशरूम में गई, यहां वो बेहोश होकर गिर पड़ी, लोगों ने महिला को उठाया, पानी पिलाने के बाद भी महिला को होश नहीं आया, उसके शरीर में कोई हलचल नहीं हुई, ट्रेन खंडवा रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो पति जमालुद्दीन ने पुलिस को सूचना दी, पुलिस ने यात्रियों के सहयोग से महिला के शव को रेलवे स्टेशन पर उतारा। डाक्टरों ने प्रारंभिक परीक्षण के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया। महिला के पति जमालूद्दीन ने बताया कि वो भिंड जिले के मेहगांव का रहने वाला है, उसकी पत्नी नूरजहां 5 महीने की गर्भवती थी। वे कर्नाटक एक्सप्रेस में ग्वालियर जाने के लिए निकले थे।
नहीं पता कि उनके सिर से मां का साया उठ चुका
महिला के साथ उसकी दो बेटियां थीं, एक 9 साल की अतिया और छोटी बेटी 4 साल की आथिया अभी भी हंस खेल रही थी, उन्हें नहीं पता था कि मौत क्या होती है, उन्हें ये भी नहीं मालूम था कि अब उनके सिर से मां का साया हमेश के लिए उठ चुका है। स्टेशन पर भी शव के पास दोनों ही बेटियां पास ही में बैठी रहीं। एक दूसरे से बांतें करती रहीं। दुनियादारी से अनजान दोनों बहनों को नहीं पता था कि मां का चले जाना क्या होता है।