एमपी के छात्र ने किया रिसर्च, सिगरेट बड्स और स्टील स्लैग के मिश्रण से बनाई जा सकती है मजबूत सड़क

एक छात्र ने सिगरेट बड्स और स्टील स्लैग के मिश्रण से अद्भुत रिसर्च किया है। इस मिश्रण से ऐसी सड़क बनाई जा सकती है जो काफी मजबूत रहती है। यदि यह प्रयोग कारगर रहा तो देश में अब जल्द ही सिगरेट बड्स मिश्रित सड़कें नजर आएंगी।

Update: 2023-01-30 09:05 GMT

एक छात्र ने सिगरेट बड्स और स्टील स्लैग के मिश्रण से अद्भुत रिसर्च किया है। इस मिश्रण से ऐसी सड़क बनाई जा सकती है जो काफी मजबूत रहती है। यदि यह प्रयोग कारगर रहा तो देश में अब जल्द ही सिगरेट बड्स मिश्रित सड़कें नजर आएंगी। मिश्रण से तैयार होने वाली सड़कें डामर से निर्मित होने वाली सड़क से काफी बेहतर रहेगी। डामर व कांक्रीट की सड़कों के फटने, डामर पिघलने आदि की भी समस्या बनी रहती है। ऐसे में यदि मिश्रण से सड़कें तैयार की गईं तो शोध में यह सामने आया है कि यह सड़कें ज्यादा मजबूत व टिकाऊ रहेंगी।

सिगरेट के कचरे से बनने वाली सड़क डामर को देगी मात

इंदौर का एसजीएसआईटीएस कालेज देश को सेहतमंद बनाने की दिशा में काम कर रहा है। काॅलेज के सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच के छात्र और प्रोफेसर ने मिलकर सिगरेट के कचरे से सड़क बनाने पर रिसर्च किया है। रिसर्च करने वाली टीम ने बताया कि सड़क निर्माण में कचरे से निकलने वाली सिगरेट बड्स का उपयोग करने से मजबूत सड़क का निर्माण किया जा सकेगा। जीएसआईटीएस के सिविल इंजीनियरिंग व एप्लाइड मेकेनिक्स विभाग के ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग के छात्र अंशुल कुलकर्णी ने यह रिसर्च काॅलेज के असिस्टेंट प्रो. तरुण नारनोरे के साथ मिलकर की है। बताया गया है कि इससे निर्मित होने वाली सड़क डामर की सड़क को मात दे सकती है। क्योंकि डामर ज्यादा गर्मी होने पर पिघलने लगता है और बारिश में उखड़ जाता है।

कम लागत के साथ होगी टिकाऊ

इंजीनियरिंग के छात्र अंशुल कुलकर्णी के मुताबिक सिगरेट की बची हुई बड्स और स्टील स्लैग (स्टील प्लांट से निकलने वाला वेस्ट) का इस्तेमाल कर सड़क बनाने में उपयोग होने वाले बिटुमिन कांक्रीट (डामर) की स्ट्रेंथ और सस्टनेबिलिटी बढ़ाने को लेकर रिसर्च किया। उन्होंने बताया कि रिसर्च के दौरान जब हमने डामर, सिगरेट बड्स और स्टील स्लैग के मिश्रण का पेनिट्रेशन और वेस्कोसिटी टेस्ट किया तो यह पाया कि नार्मल डामर सड़क के मुकाबले इस मिश्रण से तैयार होने वाली सड़क कहीं ज्यादा सस्ती और टिकाऊ है। इसके बाद दूसरे चरण में साफ्टिंग टेस्ट में यह सामने आया कि सिगरेट बड्स और स्टील स्लैग के वेस्ट से बनी सड़कें डामर आर सीमेंट-कांक्रीट की सड़क से कहीं ज्यादा मजबूत और बेहतर हैं।

पर्यावरण हितैषी भी होगी सड़क

बताया गया है कि अभी 12 लाख टन से ज्यादा सिगरेट बड्स कचरे का उत्पादन हो रहा है। जिसमें आगे और वृद्धि होने की संभावना है। डब्ल्यूएचओ और आईबीएफ की रिपोर्ट के अनुसार 2025 तक विश्व मंे 9 ट्रिलियन सिगरेट बड्स का कचरा होगा। भारत में 2025 तक यह कचरा 14.66 बिलियन टन रहेगा। ऐसे में जहां इस कचरे का सड़क निर्माण में उपयोग हो जाने से पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। वहीं स्टील स्लैग भी वेस्ट की श्रेणी में आता है। इन दोनों वेस्ट के मिश्रण से जब सड़क का निर्माण किया जाएगा तो डामर की जरूरत कम महसूस होगी और सड़क निर्माण की लागत भी कम आएगी।

Tags:    

Similar News