एमपी में गर्भवती महिला को बांस के सहारे झोली में लटकाकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया, 5 किलोमीटर पैदल चले परिजन
MP News: मध्यप्रदेश में दिल को झकझोर देने वाला मामला प्रकाश में आया है। प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला के घर तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाई। ऐसे में गर्भवती महिला को बांस के सहारे झोली में लटकाकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया गया।
मध्यप्रदेश में दिल को झकझोर देने वाला मामला प्रकाश में आया है। प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला के घर तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाई। ऐसे में गर्भवती महिला को बांस के सहारे झोली में लटकाकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया गया। गांव में सड़क नहीं होने के कारण इस तरह के हालात अक्सर निर्मित होते रहते हैं। किंतु उन्हें इस समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है।
गांव तक नहीं पहुंच पाती एम्बुलेंस
मामला एमपी के बड़वानी जिले का है। यहां पानसेमल विकासखंड के ग्राम खाम घाट में सड़क नहीं होने से बीमार लोगों को ऐसे ही उपचार के लिए ले जाना लोगों की मजबूरी बन गई है। सड़क नहीं होने से एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती। वह पांच किलोमीटर दूर ही खड़ी होती है। इसके बाद ही मरीज को अस्पताल ले जाया जाता है। बारिश के दिनों में समस्या और बढ़ जाती है। एक तो रास्ता खराब है, दूसरा नाले में पानी भर जाता है। जिसको पार करने के बाद ही मुख्य मार्ग तक लोग पहुंच पाते हैं।
रास्ते में हुआ प्रसव
पानसेमल विकासखंड के खाम घाट गांव का ताजा मामला प्रकाश में आया है। यहां रिंगा बाई 27 वर्ष नामक महिला को शनिवार के दिन प्रसव पीड़ा हुई। इसके बाद परिजनों ने एम्बुलेंस को फोन लगाया किंतु रास्ता खराब होने और नाले में बारिश का पानी भरा होने के कारण प्रसूता के घर तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच सकी। मजबूरी में परिजन लाठी के सहारे झोली बनाकर कंधे पर लटकाते हुए पांच किलोमीटर का सफर पैदल तय किया गया। तब जाकर वह एम्बुलेंस तक पहुंच सके। इसके बाद ले गए किंतु महिला का रास्ते में ही प्रसव हो गया। परिजनों का कहना है कि प्रसव के बाद उसे पानसेमल अस्पताल पहुंचाया गया। शनिवार को महिला को वहीं पर रखा गया। किंतु उसकी हालत खराब होने के कारण रविवार को चिकित्सकों ने उसे बड़वानी जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
कई बार लगा चुके गुहार, नहीं हुई सुनवाई
गांव का मार्ग खराब होने और बारिश के दिनों में नाला जलमग्न होने के कारण ग्रामीण घंटों पानी उतरने का भी इंतजार करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से सड़क व पुलिस बनवाने की गुहार भी लगाई जा चुकी है किंतु अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। जिससे ग्रामीणों को अक्सर परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं स्कूल व आंगनबाड़ी जाने वाले बच्चों को भी आवागमन के दौरान कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।