MP News: खजुराहो में सबसे ऊंचा बनाया जा रहा जैन मंदिर सहस्त्रकोटि जिनालय

सहस्त्रकोटि जिनालय के नाम से निर्मित होने वाले इस जैन मंदिर का निर्माण पर्यटन नगरी खजुराहो के पूर्वी मंदिर समूह के जैन मंदिर के समीप चल रहा है। इस मंदिर में जैन तीर्थंकरों की एक हजार मूर्ति स्थापित की जाएगी।

Update: 2022-11-19 10:21 GMT

MP Khajuraho News: खजुराहो में जिले के सबसे ऊंचे जैन मंदिर बनाने का काम जोरों से किया जा रहा है। सहस्त्रकोटि जिनालय के नाम से निर्मित होने वाले इस जैन मंदिर का निर्माण पर्यटन नगरी खजुराहो के पूर्वी मंदिर समूह के जैन मंदिर के समीप चल रहा है। इस मंदिर में जैन तीर्थंकरों की एक हजार मूर्ति स्थापित की जाएगी। चार एकड़ क्षेत्रफल में निर्मित होने वाले इस सहस्त्रकोटि जिनालय का निर्माण चंदेलकालीन मंदिरों की ही तर्ज पर नागर शैली में बलुआ एवं ग्रेनाइट पत्थर से वास्तुशास्त्रियों के निर्देशन में होगा। जिले में अब तक निर्मित जैन मंदिरों में यह सबसे अधिक ऊंचाई वाला जिनालय होगा।

35 मीटर से भी ऊंचा होगा सहस्त्रकोटि जिनालय

बताया गया है कि कोरोना काल के पहले खजुराहो में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने चातुर्मास किया था। इसी दौरान जैन धर्मावलंबियों के समक्ष आचार्य ने यहां विशाल जिनालय निर्माण की प्रेरणा दी थी। जिसके बाद इस सहस्त्रकोटि जिनालय की रूपरेखा तैयार की गई। जानकारी के अनुसार सहस्त्रकोटि जिनालय की नींव ग्रेनाइट पत्थरों से तैयार हो गई है अब इसके लिए प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। जिसकी ऊंचाई 35 मीटर से भी ज्यादा होगी।

जैन तीर्थ से होगी पहचान

जानकारी के अनुसार सहस्त्रकोटि जिनालय सबसे अलग जैन मंदिर होगा। जिसमें देश भर के जैन धर्मावलंबी यहां आएंगे। जिनालय के निर्माण हो जाने के बाद खजुराहो की पहचान जैन तीर्थ के रूप में भी होने लगेगी। जिले में सबसे ऊंचे निर्मित होने वाले इस जिनालय की काम प्रारंभ है। बताया गया है कि खजुराहो में अभी सबसे ऊंचा कंदारिया मंदिर है जिसकी ऊंचाई 33 मीटर है। अब यहां निर्मित हो रहे सहस्त्रकोटि जिनालय की ऊंचाई उससे भी अधिक 35 मीटर से भी ज्यादा होगी। जिनालय के लिए नींव बनाने का कार्य पूरा कर लिया है। ग्रेनाइट पत्थरों के माध्यम से मजबूत नींव तैयार की गई है। अब इसके प्लेटफार्म कार्य को गति दी जा रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही यह बनकर तैयार हो जाएगा। इसके निर्माण होने के बाद यहां देश भर के जैन धर्मावलंबी यहां पहुंचने लगेंगे। जिसके चलते खजुराहो का नाम देश भर में एक बार फिर ख्याति अर्जित करेगा।

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