MP News : मासूम को छोड़ मां को भेजा गया जेल तो बिगड़ गई तबियत, दोषी कौन?

इंदौर। गुनाह कोई करे और सजा कोई भरे। एक आठ माह के मासूम की तबियत सिर्फ इसलिए बिगड़ की गई कि उसे मां के आंचल से दूर कर दिया गया। घर में शराब मिलने के कारण पुलिस ने मासूम की मां और अन्य सदस्यों को जेल भेज दिया। इस स्थिति में मासूम बच्चे की देखभाल पड़ोसी लोग कर रहे थे लेकिन बच्चे को कई दिनों तक मां दूध और ममता का आंचल नहीं मिला तो उसकी तबियत बिगड़ गई। जिसे गंभीर हालत में अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। सोमवार को मां को जमानत मिलते ही सीधे अस्पताल पहुंची।

Update: 2021-04-12 17:24 GMT

इंदौर। गुनाह कोई करे और सजा कोई भरे। एक आठ माह के मासूम की तबियत सिर्फ इसलिए बिगड़ की गई कि उसे मां के आंचल से दूर कर दिया गया। घर में शराब मिलने के कारण पुलिस ने मासूम की मां और अन्य सदस्यों को जेल भेज दिया। इस स्थिति में मासूम बच्चे की देखभाल पड़ोसी लोग कर रहे थे लेकिन बच्चे को कई दिनों तक मां दूध और ममता का आंचल नहीं मिला तो उसकी तबियत बिगड़ गई। जिसे गंभीर हालत में अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। सोमवार को मां को जमानत मिलते ही सीधे अस्पताल पहुंची।

क्या है पूरा मामला

बताया गया है कि लसूड़िया क्षेत्र के इंदिरा नगर में होली के दिन क्राइम ब्रांच ने मोगली उर्फ धर्मेन्द्र यादव के घर छापा मारा। जहां मौके से 195 लीटर शराब मिली। पुलिस ने मोगली की पत्नी खुशी सहित अन्य महिलाओं पर मामला दर्ज किया। इस बीच पुलिस द्वारा कागजी खानापूर्ति का हवाला देकर सभी को थाने बुलाया और फिर जेल भेज दिया। लेकिन पुलिस ने खुशी के 8 माह के बेटे रणवीर को मां के साथ जाने से रोक दिया और पड़ोसियों के पास छोड़ दिया। 

बिगड़ गई मासूम की हालत

कई दिनों तक मां से दूर रहने के कारण मासूम तबियत ज्यादा ही खराब हो गई। जिसके बाद पड़ोसियों ने डाल्फिन हास्पिटल में भर्ती कराया। लोगों ने रणवीर की नानी विचित्रा यादव को सूचना दी जिसके वह अस्पताल पहुंचीं। मासूम की नानी ने अफसरों से आरजू-मिन्नते की कि रणवीर को उसकी मां से मिलवा दिया जाय। मां से दूर होने के कारण उसकी हालत खराब हो रही है। सोमवार को रणवीर की मां खुशी को जमानत मिली जहां सीधे बेटे से मिलने पहुंच गई। 

बच्चे को मां के साथ भेजा जाना चाहिए

हाईकोर्ट के वकील रामबजाड़ गुर्जर व सारांश जैन के अनुसार यदि आरोपी महिला के पास छोटा बच्चा है तो उसे भी मां के साथ जेल भेजा जाना चाहिए। जबकि महिला द्वारा बताया गया था कि उसका 8 माह का बच्चा घर में है, लेकिन पुलिस ने ध्यान नहीं दिया। सोमवार को हाईकोर्ट ने बच्चे की सेहत को ध्यान में रखकर जमानत दी है। 
 

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