MP News: 15 अगस्त से पहले एमपी को मिली बड़ी सौगात, चंबल एक्सप्रेस वे के लिए नवीन प्रस्तावित मार्ग स्वीकृत
MP Chambal Expressway News: इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में सबसे बड़ा रोड़ा बना जंगल विभाग अब पूरी तरह संतुष्ट दिख रहा है।
MP Chambal Expressway News: मध्य प्रदेश की प्रस्तावित महत्वाकांक्षी अटल प्रगति पथ (Atal Pragati Path) चंबल एक्सप्रेस वे (Chambal Expressway) काफी समय से अटका पड़ा हुआ था। जिसका अब पूरी तरह से निपटारा हो चुका है। 15 अगस्त से पहले मध्य प्रदेश (MP) को यह बड़ी सौगात मिली है। इस परियोजना में पड़ने वाले जंगल को बचाने के लिए पूरा एहतियात बर्ता गया है। माना जा रहा है कि अटल प्रगति पथ चंबल क्षेत्र में विकास की एक नई दिशा तय करेगा।
सीएम ने की थी गडकरी से मुलाकात
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) इस महत्वपूर्ण अटल प्रगति पथ (Atal Pragati Path) को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में सार्थक परिणाम निकल कर सामने आए हैं। नवीन प्रस्तावित मार्ग को स्वीकृति मिल गई है साथ ही चंबल विकास (Chambal Development) का रास्ता साफ हुआ दिख रहा है। कभी बीहड़ और पिछड़े क्षेत्र के रूप में देखा जाने वाला चंबल अब विकास के नए आयाम गढ़ेगा। नए प्रस्तावित मार्ग की वजह से जहां 162 गांव इस एक्सप्रेस वे के संपर्क में आ रहे थे। वहीं आप 204 गांव से यह अटल एक्सप्रेसवे (Atal Expressway) गुजरेगा। ऐसे में गांव का विकास होना निश्चित है।
बचाया गया जंगल
इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में सबसे बड़ा रोड़ा बना जंगल विभाग अब पूरी तरह संतुष्ट दिख रहा है। क्योंकि जहां 186 किलोमीटर जंगल का हिस्सा आ रहा था अब वह घटकर मात्र 13 किलोमीटर रह गया है। सरकार के इस प्रयास से यह एक और उपलब्धि हासिल हुई है। इस एक्सप्रेस वे में जंगल की भूमि बचाने में मध्य प्रदेश सरकार ने जंगल की रक्षा में अहम योगदान दिया है।
भू-अधिग्रहण में खर्च होंगे 623 करोड़ रुपए
गांव की जमीन ज्यादा हो जाने की वजह से नए प्रस्तावित मार के लिए अब भू-अधिग्रहण में जहां 350 करोड़ों रुपए खर्च होने वाले थे अब 623 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बीहड़ का 93 प्रतिशत हिस्सा पूर्व प्रस्ताव के अनुसार अब प्रगति पथ पर नहीं उपयोग होगा।
इतने गांव होंगे प्रभावित
नए प्रस्तावित एक्सप्रेस वे में अब मुरैना के 62 गांव की जगह अब 106 गांव, श्योपुर जिले के 63 गांव की जगह अब 58 गांव, भिंड के 37 गांव की जगह 40 गांव हर योजना के दायरे में आ रहे हैं। इन गांवों में अधिग्रहण की कार्यवाही बहुत जल्दी होने वाली है।