MP : मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से बदले-बदले नजर आए कैलाश विजयवर्गीय

इंदौर। मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में मध्य प्रदेश भाजपा के बड़े नेता और पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एक बार फिर कैबिनेट में शामिल होने से चूक गए। मंत्रिमंडल के विस्तार में मध्य प्रदेश से दो लोगों को शामिल किये जाने अनुमान था। जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय के मंत्री बनाए की ज्यादा संभावना नजर आ रही थी। इनमें से सिंधिया को तो मंत्रिमंडल में शामिल किया गया लेकिन तमाम उम्मीदों और कोशिशों के बावजूद कैलाश विजयवर्गीय कैबिनेट में मंत्री बनने से चूक गए।

Update: 2021-07-09 12:05 GMT

इंदौर। मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में मध्य प्रदेश भाजपा के बड़े नेता और पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एक बार फिर कैबिनेट में शामिल होने से चूक गए। मंत्रिमंडल के विस्तार में मध्य प्रदेश से दो लोगों को शामिल किये जाने अनुमान था। जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय के मंत्री बनाए की ज्यादा संभावना नजर आ रही थी। इनमें से सिंधिया को तो मंत्रिमंडल में शामिल किया गया लेकिन तमाम उम्मीदों और कोशिशों के बावजूद कैलाश विजयवर्गीय कैबिनेट में मंत्री बनने से चूक गए।

आपको बता दें कि बंगाल चुनाव के बाद मध्य प्रदेश लौटे कैलाश पिछले दिनों से कुछ बदले-बदले नजर आ रहे थे उन्हें उम्मीद थी कि केंद्र में उन्हें जल्द ही कोई नई भूमिका कैबिनेट मंत्री के रूप में दी जाएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार को लेकर वे अपनी चिर.परिचित बयानबाजी से बचते नजर आ रहे थे। इस दौरान प्रदेश में भी चेहरा बदलने को लेकर तमाम अफवाहें सामने आईं लेकिन आक्रामक बयानबाजी करने वाले कैलाश नेतृत्व के प्रति विश्वास जताते नजर आए। माना जा रहा है कि इसके पीछे उन्हें मोदी कैबिनेट में शामिल किए जाने की उम्मीद बड़ी वजह थी।

इंदौर में थे सिंधिया तभी आया फोन

मंगलवार 6 जुलाई को ज्योतिरादित्य सिंधिया जब इंदौर और उज्जैन के दौरे पर थे तभी उन्हें मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में शामिल होने को लेकर पीएमओ से बुलावा आया था जिसके बाद सिंधिया ने अपने सभी कार्यक्रम निरस्त करते हुए उज्जैन में महाकाल की पूजा अर्चना करने के बाद दिल्ली की राह पकड़ ली। जिसके बाद कैलाश विजयवर्गीय को भी केंद्र से बुलावा आने की उम्मीद थी, लेकिन मंत्रीमंडल में शामिल किए जाने को लेकर उन्हें पीएमओ से कोई फोन नहीं आया। इसे लेकर विजयवर्गीय निराश नजर आए।

खंडवा से चुनाव लड़ने की चर्चा

केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है। इसके साथ ही कैलाश विजयवर्गीय के कैबिनेट मंत्री बनने की सारी संभावनाएं भी खत्म हो चुकी हैं। चर्चा यह भी है कि कैलाश विजयवर्गीय को खंडवा की खाली हो चुकी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। खंडवा लोकसभा सीट सांसद रहे नंदकुमार सिंह के निधन के बाद खाली हुई है। अब आगे की किस करवट बैठती है इसका इंतजार करना होगा।

 

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