MP: फिर हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर, अस्पतालों में डेंगू और मौसमी बुखार के रोगियों की भरमार
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक बार फिर जूनियर डॉक्टर अपनी मांगो को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठ गए है।
भोपाल। एक ओर अस्पताल में रोगियों की भरमार है। वहीं दूसरी ओर एक बार फिर जूनियर डॉक्टरों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल कर दी है। जूनियर डॉक्टरों का आरोप है सरकार अपने वायदे से मुकर गई है। जुलाई माह के हड़ताल में शामिल डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन होल्ड कर दिया गया है जो गलत हैं। इसे सरकार को वापस लेना चाहिए। इसी मांग को लेकर जूडा हड़ताल पर है।
जूनियर डॉक्टरों की मांग
जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि सरकार और हाईकोर्ट के आश्वासन के बाद जुलाई माह में की गई हड़ताल समाप्त कर दी थी। इसके बाद सरकार द्वारा कारण बताओं नेटिस जारी किया गया था। जिसका जवाब भी दिया गया। इसके बाद भी सरकार पीजी के बाद होने वाले रजिस्ट्रेशन पर सरकार ने रोक लगा दी। जिसे बहाल किया जाना चाहिए।
3000 जूडा हड़ताल पर
जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों के जूनियर डॉक्टरों को मिला दिया जाये तो करीब 3 हजार डॉक्टर हडताल पर है। जिसमें मेंडिकल कालेज रीवा, भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर तथा सागर शामिल है।
ओपीडी बंद, रोगी परेशान
भोपाल के हमीदिया अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी हैं। जिसका स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ेगा। इस समय डेंगू बुखार के साथ ही मौसमी बीमारियों की वजह से ओपीडी में दोगुनी भीड़ पहुंच रही है।
वहीं मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन का कहना है कि जूडा के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवाओं पर असर नहीं पडेगा। सीनियर डाक्टरों ने मोर्चा सम्हाल लिया हैं। रोगियो को अस्पताल में कोई परेशानी नहीं होगी।