एमपी के झाबुआ में डिप्टी कलेक्टर को गिरफ्तार कर भेजा जेल, यह है मामला
MP News: एमपी के झाबुआ एसडीएम के खिलाफ थाने में मंगलवार की अलसुबह मुकदमा दर्ज हुआ। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
एमपी के झाबुआ एसडीएम के खिलाफ थाने में मंगलवार की अलसुबह मुकदमा दर्ज हुआ। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। डिप्टी कलेक्टर अपनी कार्यशैली के कारण विवादास्पद रहे हैं। मामला सामने आने के बाद एसडीएम को निलंबित कर बुरहानपुर मुख्यालय भेजा गया था।
आदिवासी छात्राओं से अभद्र व्यवहार का आरोप
झाबुआ के डिप्टी कलेक्टर सुनील कुमार झा पर आरोप लगाया गया कि रविवार को दोपहर 4 बजे के आसपास वे झाबुआ के नवीन आदिवासी कन्या आश्रम निरीक्षण के लिए अचानक पहुंच गए थे। वहां उन्होंने तीन नाबालिग आदिवासी कन्याओं के साथ अश्लील हरकतें की थीं। मंगलवार की अलसुबह झाबुआ थाने में इस आशय की शिकायत दर्ज कराई गई। जिस पर दोपहर को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय झाबुआ में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
कल होगी जमानत अर्जी पर सुनवाई
झाबुआ एसडीएम सुनील कुमार झा को मंगलवार को गिरफ्तार करके विशेष न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार शर्मा की न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने झा को फिलहाल एक दिन के लिए न्यायिक हिरासत में रखते हुए जिला जेल भेजने के आदेश दिए हैं। जेल ले जाने के पूर्व उनको पुलिस ने जिला अस्पताल ले जाकर मेडिकल करवाया। बुधवार को पीड़ित पक्ष को सुनने के बाद जमानत अर्जी पर सुनवाई की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक झाबुआ कलेक्टर ने इस मामले में सोमवार को इंदौर कमिश्नर को उन्हें निलंबित करने की अनुशंसा भेजी और झा को तत्काल निलंबित करते हुए बुरहानपुर अटैच कर दिया गया।
विवादों में रही है कार्यशैली
सूत्रों के मुताबिक सुनील कुमार झा अपनी कार्यशैली के कारण लंबे समय से विवाद में थे। पूर्व में उन पर रेत माफियाओं से अवैध वसूली करने के आरोप भी लगे थे। जिसमें एक ऑडियो भी वायरल हुआ था। अब नाबालिग आदिवासी कन्याओं के साथ अनुचित व्यवहार करने का गंभीर आरोप लगा है। यह आरोप तीन कन्याओं ने लगाए हैं। जिनमें से दो 13-13 और 1 वर्ष की हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि रविवार का अवकाश था जिसके कारण वह 9 जुलाई को आश्रम के बाहर खेल रही थीं। इसी दौरान एसडीएम का वाहन आकर रुका। आश्रम निरीक्षण करते हुए वे उनके कमरा नंबर 5 पर एक बार आकर चले गए। दूसरी बार पुनः वापस आकर बैठ गए। चर्चा करते हुए उन्होंने न केवल अश्लील हरकतें कीं बल्कि अनुचित सवाल भी काफी देर तक किए जो उन्हें अच्छे नहीं लगे। बैड टच के बारे में जब अधीक्षिका को बताया तो उन्होंने तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को इससे अवगत करवाया। इसके बाद एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई हुई।