MP Heritage Wine Policy: मध्यप्रदेश सरकार ले रही बड़ा फैसला, महुआ शराब पर नही होगा कोई कानून, ला रही है हैरीटेज वाइन पॉलिसी

महुआ शराब बनाने और बेचने की होगी अब खुली छूट.

Update: 2021-11-11 06:39 GMT

MP Heritage Wine Policy:  महुआ की शराब बनाने और बेचने वालों के लिए एमपी सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है। जिसके तहत अब प्रदेश में महुआ की शराब भी अधिकृत तौर पर बेची जा सकेगी। इसके लिए राज्य सरकार हैरीटेज वाइन नीति बनाने जा रही है।

दरअसल बुधवार को मंत्रालय में राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आबकारी नीति और हैरीटेज वाइन नीति जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

रोजगार के साथ सरकार की भी कमाई

खबरों के तहत सरकार ने आबकारी नीति में संशोधन कर शराब की परिभाषा में हैरीटेज वाइन भी जोड़ दिया है। हालांकि जनजाति वर्ग के पांच लीटर शराब बनाने के अधिकार को भी सुरक्षित रखा गया है। इससे जहां शराब का अवैध उत्पादन और विक्रय रुकेगा, वहीं सरकार को सालाना करीब तीन सौ करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा।

ज्ञात हो कि अभी तक प्रदेश में महुआ शराब प्रतिबंधित है। यही वजह है कि आबकारी और पुलिस विभाग के लिए महुआ शराब भी कमाई का एक माध्यम है। दरअसल आदिवासी, जैसवाल सहित अन्य वर्ग की एक बड़ी तादात महुआ शराब करोबार से जुड़ी हुई है। यह वर्ग खुद शराब बनाता है और इसका सेवन करने के साथ ही करोबार भी करता है, चूकि महुआ शराब पर सरकार का कानूनी डंडा है, जिसके चलते चोरी छिपे लोग इस कारोबार को कर रहे है। वही इससे कानून का खौफ हट जाएगा तो प्रदेश में लाखों परिवार के लिए महुआ और उससे बनने वाली शराब कमाई का माध्यम भी बन जाएगा।

मुख्यमंत्री ने पूर्व में की थी घोषणा

बता दे कि इसके पहले जोबट की सभा मे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि अब आदिवासी महुआ और ताड़ी की शराब बनाकर बेच सकेंगे और उन पर किसी तरह का मुकदमा दर्ज नहीं होगा। नई आबकारी नीति में सरकार यह प्रावधान करेगी ताकि परंपरागत शराब बनाने और बेचने पर कोई कानूनी कार्रवाई नही की जाएगी। शिवराज सिंह चौहान ने कहा मैं शराब का समर्थन नहीं करता, लेकिन परंपरा के लिए अगर आदिवासी शराब बनाते या पीते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है.

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