MP : फर्जीवाड़ा: रीवा, शहडोल, सागर, जबलपुर में आईटीआई कालेज भवन निर्माण के 113 करोड़ का ठेका लेने फर्जी बैंक गारंटी लगाई

भोपाल। मध्यप्रदेश के चार शहरों रीवा, शहडोल, सागर एवं जबलपुर में आईटीआई कालेज भवन में निर्माण में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया हैं बताया गया है कि ठेका लेने वाली नागपुर की कंपनी ने घर पर ही बैंक गारंटी के कागजात बनाकर 113 करोड़ रुपए का ठेका हासिल कर लिया। बता दें कि मध्यप्रदेश में भारत सरकार के नेशनल प्रोजेक्ट के तहत नागपुर की कंपनी को 4 शहरों में आईटीआई भवन बनाना था जिसमें ठेका लेने वाली कंपनी कर्ताधर्ताओं द्वारा फर्जी कागजात घर पर ही तैयार कर लिये और ठेका हासिल कर लिया। इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई है।

Update: 2021-07-02 15:39 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश के चार शहरों रीवा, शहडोल, सागर एवं जबलपुर में आईटीआई कालेज भवन में निर्माण में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया हैं बताया गया है कि ठेका लेने वाली नागपुर की कंपनी ने घर पर ही बैंक गारंटी के कागजात बनाकर 113 करोड़ रुपए का ठेका हासिल कर लिया। बता दें कि मध्यप्रदेश में भारत सरकार के नेशनल प्रोजेक्ट के तहत नागपुर की कंपनी को 4 शहरों में आईटीआई भवन बनाना था जिसमें ठेका लेने वाली कंपनी कर्ताधर्ताओं द्वारा फर्जी कागजात घर पर ही तैयार कर लिये और ठेका हासिल कर लिया। इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई है।

भारत सरकार की नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन के एमपी के जोनल मैनेजर एमए मंसूरी ने बताया कि तीन साल पहले 2018 में नागपुर की त्रिरूपति कंस्ट्रक्शन कंपनी को आईटीआई कॉलेज के भवन बनाने का ठेका दिया गया था। रीवा, जबलपुर, सागर और शहडोल में कॉलेज के भवन के लिए 113 करोड़ रुपए मंजूर हुए थे। इसके लिए कंपनी संचालक ने 10 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी रखी थी। उसने काम भी शुरू कर दिया, लेकिन तीन साल तक किसी का बैंक गारंटी के कागजातों पर ध्यान नहीं गया।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में शिकायत मिलने पर संबंधित कागजात के बारे में बैंकों से पता लगवाया। वहां से पता चला कि उनके यहां से इस तरह के कागजात जारी नहीं किए गए। इसके बाद मंसूरी ने क्राइम ब्रांच को गुरुवार देर रात शिकायत की। क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद विनीत सुभाष शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है।

जानकारी अनुसार क्राइम ब्रांच जल्द ही बैंक गारंटी वाले कागजात को लेकर संबंधित बैंकों को पत्र लिखकर जानकारी लेगी। जांच में यह भी शामिल किया जाएगा कि उसने यह कागजात कैसे हासिल किए। इसके साथ ही ठेके देने की प्रक्रिया और बैंक गारंटी संबंधी कागजात की जांच की प्रक्रिया का पता लगाया जाएगाए ताकि इस तरह के फर्जीवाड़े का खुलासा हो सके।

Tags:    

Similar News