एमपी का पहला गांव जहां की पार्किंग से सरकार को साल भर में होगी 33 लाख की आमदनी
मध्यप्रदेश का एक गांव ऐसा पहला गांव बनने जा रहा है जहां से हर साल सरकार को 33 लाख की आमदनी होगी। जिला प्रशासन के निर्देश पर ग्राम पंचायत द्वारा इसकी पार्किंग का ठेका नीलामी के माध्यम से आवंटित कर दी गई है।
मध्यप्रदेश का एक गांव ऐसा पहला गांव बनने जा रहा है जहां से साल भर में सरकार को 33 लाख की आमदनी होगी। जिला प्रशासन के निर्देश पर ग्राम पंचायत द्वारा इसकी पार्किंग का ठेका नीलामी के माध्यम से आवंटित कर दी गई है। जिससे अब इस गांव में पहुंचने वाले वाहन चालकों को पार्किंग शुल्क अदा करनी होगी।
बागेश्वर धाम में लगेगी पार्किंग
बताया गया है कि छतरपुर की ग्राम पंचायत गढ़ा के बागेश्वर धाम में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन व अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए पहुंचते हैं। जहां अब वाहन चालकों को पार्किंग शुल्क अदा करनी होगी। जिससे सरकार को अच्छी खासी आमदनी होगी। जिला प्रशासन के निर्देश पर ग्राम पंचायत गढ़ा के द्वारा इसकी पार्किंग का ठेका भी नीलामी के जरिए एक वर्ष के लिए आवंटित कर दिया गया है। इस संबंध में सरपंच सत्यनारायण पाठक व सचिव अरुण शुक्ला के मुताबिक ग्राम पंचायत द्वारा पंचायत इंस्पेक्टर की उपस्थिति में मंदिर क्षेत्र की पार्किंग हेतु सार्वजनिक रूप से नीलामी की प्रक्रिया कराई। अब बागेश्वर धाम पहुंचने वाले वाले दोपहिया वाहन चालकों को जहां 10 रुपए अदा करने होंगे तो वहीं चार पहिया वाहन चालकों को 20 रुपए पार्किंग शुल्क देना होगा।
तीन गुना से अधिक पहुंच गई बोली
बागेश्वर धाम मंदिर क्षेत्र की पार्किंग हेतु 10 लाख रुपए की बेस प्राइज तय की गई थी जिसकी बोली तीन गुना से अधिक पहुंच गई। इस संबंध में ठेकेदार लोकेश गर्ग के मुताबिक 33 लाख 18 हजार रुपए में यह ठेका उनके द्वारा अपने नाम कर लिया गया है। रविन्द्र प्रताप सिंह दूसरे स्थान पर रहे जिनके द्वारा 33 लाख 15 हजार रुपए बोली लगाई। जबकि गंज निवासी रामायण पाण्डेय तीसरे स्थान पर रहे। यहां उल्लेखनीय है कि ठेका लेने वाली वही व्यक्ति और बागेश्वर धाम के पारिवारिक चचेरा भाई हैं जिनके द्वारा धीरेन्द्र कृष्ण को धमकी मिलने के मामले की रिपोर्ट बमीठा थाने में दर्ज कराई गई थी। बताया गया है कि ठेका मिलने के बाद ठेकेदार द्वारा मंदिर क्षेत्र के तीन अलग-अलग स्थानों पर वाहनों की व्यवस्थित पार्किंग कराई जाएगी।