MP College New Rules: एडमिशन लेने के लिए कॉलेज के पास खुद की बिल्डिंग होना अनिवार्य

मध्य प्रदेश में खुलने वाले नए कॉलेजों के पास जब तक खुद की बिल्डिंग नहीं होगी तक उस महाविद्यालय में एडमीशन नहीं होगा।

Update: 2022-05-08 09:18 GMT

मध्य प्रदेश में खुलने वाले नए कॉलेजों के पास जब तक खुद की बिल्डिंग नहीं होगी तक उस महाविद्यालय में एडमीशन नहीं होगा। ई-प्रवेश पोर्टल पर भी निर्माण पूरा होने के बाद कॉलेज जुडे़ंगे। उल्लेखनीय है कि गत दिवस सतना जिले के कॉलेजों में निरीक्षण के दौरान कई अनियमितताएं पाई गई थी। उसके बाद व्यवस्था बनाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।

उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में 28 कॉलेज, स्कूल भवनो में संचालित हो रहे हैं। कॉलेज को लगाने के लिए दो-तीन कमरे मिल पाते हैं। उसमें भी स्कूल स्कूल की क्लास लगने की वजह से परेशानी होती है। ठीक से पढ़ाई नहीं होती। तहसील स्तर के क्षेत्रों में इस तरह की समस्या अधिक है। इस समस्या को देखते हुए अपर मुख्य सचिव शैलेन्द्र सिंह ने कमिश्नर, क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक व संबंधितां को निर्देश दिए हैं।

रीवा जिले का भी यही हाल

बताया गया है कि रीवा जिले में संचालित आधा दर्जन कॉलेज ऐसे हैं जो कि शासकीय स्कूल में संचालित है। वर्षां से प्रशासन द्वारा इन महाविद्यालयों के लिए कॉलेजों के लिए भूमि ही नहीं ढूढ पाया है। गोविंदगढ़ कॉलेज आज भी शासकीय स्कूल में संचालित हो रहा है।

प्राचार्य को लेनी होगी मदद

नए खुलने वाले कॉलेजों में छात्रों की संख्या कम होने की वजह से मिलने वाली फीस की राशि बहुत कम होती है। ऐसी स्थिति में प्राचार्य को स्थानीय सहयोग लेना होगा। राशि की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ने की स्थिति में संबंधित जिले का अग्रणी महाविद्यालय अपने जनभागीदारी फंड से लोन के रूप में अधिकतम 5 लाख रूपए की राशि प्रथम तीन वर्षों के लिए जनभागीदारी समिति के अनुमोदन से प्राप्त कर सकता है।

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