MP : करोड़पति निकला एफसीआई भोपाल का घूसखोर बाबू, सीबीआई छापे में मिली करोड़ों की नकदी

भोपाल। सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने भोपाल में शुक्रवार को सिक्यूरिटी एजेंसी का 11 लाख रुपए का बिल पास कराने के लिये एक लाख रुपए की रिश्वत लेते फूड कार्पोरेशन आॅफ इंडिया एफसीआई के चार अफसरों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से दो अफसरों को रंगे हाथ पकड़ा गया जबकि एक संभागीय मैनेजर और क्लर्क को बाद में गिरफ्तार किया गया है।

Update: 2021-05-29 16:22 GMT

भोपाल। सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने भोपाल में शुक्रवार को सिक्यूरिटी एजेंसी का 11 लाख रुपए का बिल पास कराने के लिये एक लाख रुपए की रिश्वत लेते फूड कार्पोरेशन आॅफ इंडिया एफसीआई के चार अफसरों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से दो अफसरों को रंगे हाथ पकड़ा गया जबकि एक संभागीय मैनेजर और क्लर्क को बाद में गिरफ्तार किया गया है।

आपको बता दें कि फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया एफसीआई के रिश्‍वतखोर बाबू किशोर मीणा के घर से करोड़ों रुपये की नकदी सीबीआईकी टीम ने बरामद की है। यहां से सोने और चांदी के जेवर भी जब्‍त किए गए हैं। जानकारी के अनुसार जब्‍त की गई नकदी दो करोड़ रुपये से अधिक है। मीणा और एफसीआइ के तीन अधिकारियों को शुक्रवार को गुरुग्राम स्थित सुरक्षा एजेंसी कैप्टन कपूर एंड संस से रिश्‍वत मांगने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों का कहना है कि एफसीआइ के अधिकारी रिश्वत की रकम बाबू के घर पर रखते थे। यहां से एक डायरी भी मिली है, जिसमें रिश्‍वत लेने की जानकारी दर्ज है।

एक लाख रुपये घूस लेते रंगेहाथ पकड़ा

सुरक्षा एजेंसी के बिलों के भुगतान के लिए रिश्वत मांगने के मामले में भारतीय खाद्य निगम के भोपाल स्थित कार्यालय के चार अधिकारियों और कर्मचारियों को केंद्रीय जांच ब्यूरो ;सीबीआइद्ध ने गिरफ्तार किया है। सीबीआइ ने इन्हें एक लाख रुपये लेते रंगे हाथों पकड़ा है। सुरक्षा एजेंसी का मुख्यालय गुरुग्राम में है। रिश्वत की राशि नहीं मिलने पर बिलों का भुगतान नहीं किए जाने पर एजेंसी ने सीबीआइ को शिकायत की थी। जानकारी के अनुसार गुरुग्राम स्थित सुरक्षा एजेंसी कैप्टन कपूर एंड संस को इस वर्ष जनवरी में गार्ड की तैनाती के लिए 11 लाख 30 हजार रुपये प्रतिमाह पर टेंडर मिला था। एफसीआइ के अधिकारी एजेंसी से बतौर रिश्वत प्रतिमाह 10 फीसद कमीशन मांग रहे थे।

ऐसे आये सीबीआई की पकड़ में

बताया गया है कि पुराने बिलों और नये बिलों का निराकरण के लिये लिये रिश्वत मांगे गये थे। गुरुवार को एजेंसी की ओर से इस संबंध में सीबीआइ को शिकायत की गई। आरोपितों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए शुक्रवार शाम को एक लाख रुपये लेने के लिए मैनेजर अकाउंट को भोपाल के माता मंदिर क्षेत्र में बुलाया गया। रिश्वत की राशि लेने के बाद एफसीआइ के डिविजनल मैनेजर हर्ष इनायका, मैनेजर अकाउंट, अरुण श्रीवास्तव, मैनेजर सिक्यूरिटी, मोहन पराते और क्लर्क किशोर मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया।

खुद बताते गये रिश्वत में शामिल साथियों का नाम

सूत्रों ने बताया कि रिश्वत की राशि लेने के लिए एक कार से मैनेजर अकाउंट अरुण श्रीवास्तव आया था। जब उसे पकड़ा गया तो उसने कहा कि इसमें मेरा ही हिस्सा नहीं है। मैनेजर सिक्यूरिटी मोहन पराते भी शामिल है। सीबीआइ की टीम ने श्रीवास्तव के फोन से पराते को रिश्वत लेने बुलाया। जब पराते भी सीबीआइ के शिकंजे में फंस गया तो उसने कहा कि इसमें डिविजनल मैनेजर हर्ष इनायका भी शामिल हैं। इनके फोन से इनायका को रिश्वत की राशि मिलने की जानकारी दी तो इनायका ने उन्हें राशि लेकर ऑफिस आने को कहा। सीबीआइ टीम भी इनके साथ थी। श्रीवास्तव और पराते ने इनायका को रिश्वत की रकम दी तो इनायका ने क्लर्क किशोर मीणा को राशि देते हुए सुरक्षित रखने को कहा। सभी की संलिप्तता की पुष्टि होने पर सीबीआइ ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।

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