MP Breaking: एमपी का उच्च शिक्षा विभाग बंद होने की कगार में, कॉलेज की सीटो को लेकर भी बड़ा ऐलान
MP Breaking: एमपी का उच्च शिक्षा विभाग बंद होने की कगार में, कॉलेज की सीटो को लेकर भी बड़ा ऐलान! MP's higher education department is on the verge of closure, big announcement regarding college seats
मध्य प्रदेश राज्य परिवहन की तरह अब उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश (Higher Education Department Madhya Pradesh) भी बंद होने की कगार पर है। इसके लिए विभाग द्वारा तैयारी की जा रही है। अब माना जा रहा है कि उच्च शिक्षा विभाग कॉलेजो (Higher Education Department Colleges) तथा प्राइवेट युनिवर्सिटी (Private University) को मंजूरी देने तथा निगरनी करने का कार्य करेंगी। वहीं जानकारी मिल रही है कि अगले सत्र में कालेजों की सीट नही बढेगी।
खाली रही 50 प्रतिशत सीट
जनकारी के अनुसार एक ओर जहां मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) कॉलेजो का संचालन बंद करने की ओर विचार कर रहा है। वहीं सीटो की संख्या में आने वाले शिक्षण सत्र में बढोत्तरी नही करने का निर्णय लिया गया। सीट न बढाने के पीछे अगर गौर किया जाय तो पता चलता है कि पिछले शिक्षण सत्र में 1030633 सीट घोषित किया गया था। लेकिन मात्र 4.75 लाख छात्रों ने एडमीशन नही लिया। ऐसे में कहा जा सकता है कि 50 प्रतिशत सीट खाली रह गई थी।
ऐसे होता है यूनिवर्सिटी का मूल्यांकन
-यूनिवर्सिटी का मूल्यांकन बिंदुओं पर किया जाता है। एक अहम बिंदु तो यह है कि हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट में राज्य से बाहर के विद्यार्थी भी शिक्षा लेने पहुंचे। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो यूनिवर्सिटी का फेलियर है। ऐसे में यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट में सुधार की आवश्यकता होती है।
-मध्यप्रदेश में एक भी ऐसी यूनिवर्सिटी नहीं है जहां देशभर के छात्र एडमिशन के लिए पहुंचते हैं। सीटों की संख्या कम कर देने से एक डॉक्यूमेंट का फैलियर नहीं दिखाई देता इसमें गवर्नमेंट भी संकोच महसूस करती है।
-अगर यूनिवर्सिटी के आंतरिक पहलुओं पर ध्यान दें तो पता चलता है कि यूनिवर्सिटी में पॉलिटिक्स हावी है। इस पॉलिटिक्स को कैसे खत्म किया जाए इस पर विचार किया जाना अति आवश्यक है।
-उच्चशिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में पॉलिटिक्स खत्म कर दिया है। लेकिन प्रोफेसर और अन्य स्टाफ के बीच चल रही पॉलिटिक्स कब खत्म होगी और यूनिवर्सिटी तथा कॉलेजों की दशा कब सुधरेगी इस संबंध में कुछ कहा नहीं जा सकता।