एमपी: स्नातक के दस लाख छात्रों को नहीं उपलब्ध हो पा रही किताबें, तैयारी में जुटा हायर एजुकेशन
MP Higher Education Department News: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने की जल्दबाजी में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कई बुनियादी बातों को ध्यान में नहीं रखा गया।
MP Higher Education Department News: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने की जल्दबाजी में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कई बुनियादी बातों को ध्यान में नहीं रखा गया। इसी का यह परिणाम है कि बीते वर्ष स्नातक में प्रदेश के करीब 5 लाख छात्रों को प्रवेश तो मिला,पर उन्हें किताबें ही नहीं मिल पाई।
पिछले वर्ष एडमीशन लेने वाले विद्यार्थी इस बार दूसरे वर्ष में चले गए हैं। उनके लिए भी किताबों का संकट बरकरार है। ऐसे में करीब 10 लाख विद्यार्थियों के पास किताबों की कमी बनी हुई है। विभाग इस कमी को दूर करने का हर संभव प्रयास भी कर रहा है।
इसी कड़ी में राज्य भर से ऐसे लेखकों और विषय विशेषज्ञां की खोज की जा रही है, जिन्होने विज्ञान, गणित, साहित्य, संस्कृति और कला में मौलिक लेखन किया है। उनके विस्तृत डाटा और मौलिक कृतियां मगवाई गई है।
एडी और कुलसचिवों को सौंपा जिम्मा
आयुक्त कार्यालय द्वारा प्रदेश के सभी क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालकां और विवि के कुलसचिवों को इस संबंध में निर्देश जारी किया गया है। उनसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के रचनाकारों से विस्तृत बायोडाटा और मौलिक कृति 20 जुलाई तक पहुंचाने को कहा गया है।
विभाग स्नातक स्तर के कोर्स के लिए सामग्री तैयार करवा रहा है। इसके लिए विज्ञान, वाणिज्य, साहित्य,संस्कृति और कला सहित अन्य कोर्स से संबंधित रचना करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
बनाई जा रही सूची
विवि व कॉलेजों में पढ़ाने व देश-दुनिया में विशेष पहचान रखने वाले ऐसे प्राध्यापकों, ग्रंथपालों और खेल अफसरां के नाम, विषय, विशेषज्ञता संपर्क नंबर और पते भी सूचीबद्ध हो रहे हैं। इसकी जिम्मेदारी एडी व कुलसचिवों को दी गई है। इनकी जानकारी ई-मेल से अकादमिक शाखा को भेजनी है।
वर्जन
नई नीति के तहत राज्य राज्य में लागू स्नातक स्तरीय कोर्स के हिसाब से उत्कृष्ट पुस्तकों का लेखन कार्य कराने कई नवाचार हो रहे हैं। सभी एडी और कुलसचिवों से मौलिक रचनाकारों का बायोडाटा और मूलकृति मंगवाई गई है।
डा. धीरेन्द्र शुक्ला, ओएसडी, अकादमिक हायर एजुकेशन रीवा