मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए 17 नवंबर को 230 सीटों के लिए हुए मतदान के परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किए गए हैं। राज्य में भाजपा 230 में से 163 सीटों में जीत के साथ एक बार फिर सरकार बना रही है। 2003 के बाद पांचवी बार है, जब भाजपा सत्ता में आ रही हो। इसके पहले 2018 के चुनाव में भाजपा-कांग्रेस दोनों को ही स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था, और कांग्रेस ने बसपा एवं निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार बनाई थी। लेकिन यह सरकार महज 15 माह तक ही चल पाई, मार्च 2020 में भाजपा ने फिर वापसी कर ली। निर्वाचन आयोग के अनुसार भाजपा अब तक 163 सीटों में जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस के खाते में 66 सीट आई हैं। आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाज वादी पार्टी का तो खाता तक नहीं खुला है। लेकिन राज्य में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने एंट्री मारी है। एक सीट बाप के खाते में आई है। सैलाना से पार्टी के कमलेश्वर डोडियार 4618 वोट से जीते। पिछली बार मप्र में 4 निर्दलीय समेत 2 बसपा और 1 सपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी।केन्द्रीय मंत्री कुलस्ते हारे, सांसद गणेश सिंह हारेंनिवास विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते कांग्रेस प्रत्याशी चैन सिंह वरकड़े से 11 हजार मतों के अंतर से हार गए। सतना सांसद गणेश सिंह को सतना विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा ने 4041 वोटों के अंतर से हराया।दो केन्द्रीय मंत्री, तीन सांसद जीतेदिमनी विधानसभा से केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र तोमर ने 24461 वोट के अंतर से जीत दर्ज की। केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने नरसिंहपुर से कांग्रेस के लाखन सिंह को 32095 वोट से हराया। सीधी सांसद रीति पाठक ने कांग्रेस प्रत्याशी ज्ञान सिंह से आगे चल रही हैं। गड़रवारा से राव उदय प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की है। जबलपुर पश्चिम से भाजपा प्रत्याशी राकेश सिंह आगे चल रहें हैं।विंध्य की 25 सीटों में खिला कमल विंध्य की 30 में से 25 सीटों में भाजपा ने जीत दर्ज की है। सतना, अमरपाटन, सेमरिया, चुरहट और पुष्पराजगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इसके पहले 2018 के चुनाव में विंध्य की तीस सीटों में से 24 सीटों पर भाजपा के विधायक निर्वाचित होकर आए थे।चुरहट से कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने भाजपा प्रत्याशी 27777 से जीत दर्ज की है। जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल 21339 वोट के अंतर से जीते। केबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह 20419 वोटों से जीते। देवतालाब से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने 24386 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। लाडली बहनाओं ने खेला कियामध्यप्रदेश में शिवराज सरकार की लाड़ली बहना योजना गेमचेंजर साबित हुई। लाड़ली बहनाओं के खाते में हर महीने जाने वाले 1250 रुपए का ऐसा असर हुआ कि इस चुनाव में महिलाएं न केवल मुद्दा बन गई, बल्कि भाजपा का चेहरा भी बन गई। हालांकि कांग्रेस ने भी नारी सम्मान योजना लागू कर 1500 रुपए देने का वादा किया था, लेकिन महिलाओं ने जो दे रहा है उसी पर भरोसा किया। मोदी की गारंटी, शिवराज पर भरोसासीएम शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता में इजाफा देखा गया है। वहीं इस चुनाव में एमपी के मन में मोदी को बढ़ावा दिया गया। यानि कुल मिलाकर यह चुनाव शिवराज ने अपनी योजनाओं और भाजपा ने मोदी के चेहरे पर लड़ा था। भाजपा ने तो अपने चुनाव प्रचार में 'एमपी के मन में मोदी' थीम सॉन्ग जारी किया था। हालांकि इससे तो यही लग रहा था कि इस बार राज्य में मुख्यमंत्री के पद के लिए कोई चेहरा सामने नहीं किया गया है और न ही ऐसा हुआ। मोदी ने इस चुनाव को खुद की गारंटी का नाम दिया और इसका जैसा आभास था, वैसा हुआ भी। लोगों ने मोलभाव के साथ मोदी की गारंटी का ध्यान रखा और भाजपा को प्रचंड जीत का स्वाद चखाया। हम खामियों का विश्लेषण करेंगे- कमलनाथ कमलनाथ ने कहा, 'इस मुक़ाबले में हम मध्यप्रदेश के मतदाताओं का फैसला स्वीकार करते हैं। आज विरोधी दल के नाते हम अपने कर्तव्य पर डटे रहेंगे। मैं भाजपा को जीत की बधाई देता हूँ। हम खामियों का विश्लेषण करेंगे। देखेंगे कि हम मतदाताओं को अपनी बात क्यों नहीं समझा पाए।'
मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए 17 नवंबर को 230 सीटों के लिए हुए मतदान के परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किए गए हैं। राज्य में भाजपा 230 में से 163 सीटों में जीत के साथ एक बार फिर सरकार बना रही है। 2003 के बाद पांचवी बार है, जब भाजपा सत्ता में आ रही हो। इसके पहले 2018 के चुनाव में भाजपा-कांग्रेस दोनों को ही स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था, और कांग्रेस ने बसपा एवं निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार बनाई थी। लेकिन यह सरकार महज 15 माह तक ही चल पाई, मार्च 2020 में भाजपा ने फिर वापसी कर ली। निर्वाचन आयोग के अनुसार भाजपा अब तक 163 सीटों में जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस के खाते में 66 सीट आई हैं। आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाज वादी पार्टी का तो खाता तक नहीं खुला है। लेकिन राज्य में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने एंट्री मारी है। एक सीट बाप के खाते में आई है। सैलाना से पार्टी के कमलेश्वर डोडियार 4618 वोट से जीते। पिछली बार मप्र में 4 निर्दलीय समेत 2 बसपा और 1 सपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी।केन्द्रीय मंत्री कुलस्ते हारे, सांसद गणेश सिंह हारेंनिवास विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते कांग्रेस प्रत्याशी चैन सिंह वरकड़े से 11 हजार मतों के अंतर से हार गए। सतना सांसद गणेश सिंह को सतना विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा ने 4041 वोटों के अंतर से हराया।दो केन्द्रीय मंत्री, तीन सांसद जीतेदिमनी विधानसभा से केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र तोमर ने 24461 वोट के अंतर से जीत दर्ज की। केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने नरसिंहपुर से कांग्रेस के लाखन सिंह को 32095 वोट से हराया। सीधी सांसद रीति पाठक ने कांग्रेस प्रत्याशी ज्ञान सिंह से आगे चल रही हैं। गड़रवारा से राव उदय प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की है। जबलपुर पश्चिम से भाजपा प्रत्याशी राकेश सिंह आगे चल रहें हैं।विंध्य की 25 सीटों में खिला कमल विंध्य की 30 में से 25 सीटों में भाजपा ने जीत दर्ज की है। सतना, अमरपाटन, सेमरिया, चुरहट और पुष्पराजगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इसके पहले 2018 के चुनाव में विंध्य की तीस सीटों में से 24 सीटों पर भाजपा के विधायक निर्वाचित होकर आए थे।चुरहट से कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने भाजपा प्रत्याशी 27777 से जीत दर्ज की है। जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल 21339 वोट के अंतर से जीते। केबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह 20419 वोटों से जीते। देवतालाब से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने 24386 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। लाडली बहनाओं ने खेला कियामध्यप्रदेश में शिवराज सरकार की लाड़ली बहना योजना गेमचेंजर साबित हुई। लाड़ली बहनाओं के खाते में हर महीने जाने वाले 1250 रुपए का ऐसा असर हुआ कि इस चुनाव में महिलाएं न केवल मुद्दा बन गई, बल्कि भाजपा का चेहरा भी बन गई। हालांकि कांग्रेस ने भी नारी सम्मान योजना लागू कर 1500 रुपए देने का वादा किया था, लेकिन महिलाओं ने जो दे रहा है उसी पर भरोसा किया। मोदी की गारंटी, शिवराज पर भरोसासीएम शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता में इजाफा देखा गया है। वहीं इस चुनाव में एमपी के मन में मोदी को बढ़ावा दिया गया। यानि कुल मिलाकर यह चुनाव शिवराज ने अपनी योजनाओं और भाजपा ने मोदी के चेहरे पर लड़ा था। भाजपा ने तो अपने चुनाव प्रचार में 'एमपी के मन में मोदी' थीम सॉन्ग जारी किया था। हालांकि इससे तो यही लग रहा था कि इस बार राज्य में मुख्यमंत्री के पद के लिए कोई चेहरा सामने नहीं किया गया है और न ही ऐसा हुआ। मोदी ने इस चुनाव को खुद की गारंटी का नाम दिया और इसका जैसा आभास था, वैसा हुआ भी। लोगों ने मोलभाव के साथ मोदी की गारंटी का ध्यान रखा और भाजपा को प्रचंड जीत का स्वाद चखाया। हम खामियों का विश्लेषण करेंगे- कमलनाथ कमलनाथ ने कहा, 'इस मुक़ाबले में हम मध्यप्रदेश के मतदाताओं का फैसला स्वीकार करते हैं। आज विरोधी दल के नाते हम अपने कर्तव्य पर डटे रहेंगे। मैं भाजपा को जीत की बधाई देता हूँ। हम खामियों का विश्लेषण करेंगे। देखेंगे कि हम मतदाताओं को अपनी बात क्यों नहीं समझा पाए।'