Critical Care Conference: क्रिटिकल केयर कान्फ्रेंस में 20 देशों के 2 हजार से अधिक डाॅक्टर्स देंगे इमरजेंसी ट्रेनिंग
MP News: एमपी इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में इंडियन सोसायटी आफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन की 29वीं वर्कशाप होने जा रही है। जिसमें 20 देशों चिकित्सक (इंटेसिविस्ट) शामिल होंगे।
एमपी इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में इंडियन सोसायटी आफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन की 29वीं वर्कशाप होने जा रही है। जिसमें 20 देशों के 2 हजार से अधिक चिकित्सक (इंटेसिविस्ट) शामिल होंगे। कान्फ्रेंस की थीम कास्ट इफेक्टिव इंटेनसिव केयर विथ ह्युमिनाइसेशन पर आधारित रहेगी। इस इंटरनेशनल कान्फ्रेंस में पहली बार मेडिकल इमरजेंसी का सेशन पब्लिक के लिए रखा गया है। कान्फ्रेंस का आयोजन 22 से फरवरी तक किया जाएगा।
पब्लिक के लिए भी रहेगा सेशन
इंडियन सोसायटी आफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन (आईएससीसीएम) के अध्यक्ष डाॅ. राजेश मिश्रा के मुताबिक क्रिटिकल केयर फील्ड में पायोनियर डाॅ. आरके मणि भी मौजूद रहेंगे। जिनके द्वारा 20 वर्ष तक सुप्रीम कोर्ट में मरीजों को डेथ विद डिग्निटी दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी गई। जिसको अब सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिल गई है। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में होने जा रही इस वर्कशाप में पब्लिक के लिए भी मेडिकल इमरजेंसी का सेशन रहेगा जिसमें उन्हें लकवा, मिर्गी, हार्ट अटैक, सांप काटने, जलने, दुर्घटना जैसी परिस्थिति में अस्पताल पहुंचने तक मरीज की कैसे केयर की जाए इसकी ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।
डेथ विद डिग्निटी का अधिकार
आर्गेनाइजिंग चेयरमैन डाॅ. राजेश मिश्रा ने बताया कि डेथ विद डिग्निटी को सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद जिन बीमारियों का इलाज संभव नहीं है ऐसे में पेशेंट्स को जिंदगी और मौत के बीच आईसीयू में कष्टदायी समय गुजारने की अनिवार्यता नहीं रहेगी। मरीज लाइफ सपोर्ट की बजाय बेसिक लाइफ केयर देकर डेथ विद डिग्निटी का अधिकार दिया गया है। आईसीयू में कास्ट इफक्टिव ट्रीटमेंट को लेकर क्रिटिकल केयर फील्ड में पायोनियर डाॅ. आरके मणि द्वारा सराहनीय कार्य किया गया है।
आईसीयू में मरीजों के साथ रह सकेंगे परिजन यह मुद्दा भी रहेगा
छह दिवसीय इंटरनेशनल कान्फ्रेंस में आईसीयू में मरीजों के परिजन रह सकें इसका भी मुद्दा अहम रहेगा। डाॅ. मिश्रा के मुताबिक स्टडी के दौरान यह बात सामने आई है कि यदि आईसीयू में मरीजों के साथ उनके परिजन रहते हैं तो इलाज काफी कारगर रहता है। जिसके चलते मरीजों को भी ठीक होने में काफी मदद मिलती है। यह स्टडी आईसीयू की कार्य प्रणाली, मरीजों की स्थिति, परिजनों की मनोस्थिति और अस्पताल के रूल्स एण्ड रेगुलेशन पर की गई है।
दिया जाएगा लाइव डेमोस्ट्रेशन
कान्फ्रेंस में 20 से अधिक देशों से तकरीबन दो हजार प्रतिनिधि और 400 वक्ता शामिल होंगे। जिनके द्वारा क्रिटिकेल केयर में नई तकनीकों की जानकारी दी जाएगी। जिससे डाॅक्टरों को खुद को अपडेट करने के साथ ही नई तकनीक के गुर सिखाएं जाएंगे। इस दौरान 21 फरवरी को शाम 4 बजे एक खास वर्कशाप का आयोजन किया जाएगा। जिसमें इंटेसिविस्ट लाइव डेमोस्ट्रेशन देंगे। इसमें सीपीआर देना सिखाने के साथ ही लकवा, मिर्गी, हार्ट अटैक, दुर्घटना, जलने या सांप काटने के वक्त मरीज को प्रदान की जाने वाली प्राथमिक चिकित्सा देने की ट्रेनिंग भी प्रदान की जाएगी। कान्फ्रेंस में किसी भी तरह की दुर्घटना या पायजनिंग के बाद डाॅक्टर तक पहुंचने के पहले मरीजों की देखभाल करने के टिप्स भी दिए जाएंगे।