Madhya Pradesh Foundation Day 2022: प्रदेश में आज आधे दिन का शासकीय अवकाश, जानिए कैसे बना अपना एमपी

Madhya Pradesh Foundation Day 2022: प्रदेश के स्थापना दिवस आज एक नवम्बर को पूरे प्रदेश में अपरान्ह में आधे दिवस का शासकीय अवकाश रहेगा।

Update: 2022-10-31 19:57 GMT

MP Foundation Day 2022

MP Foundation Day 2022: आज यानी 1 नवंबर को मध्यप्रदेश स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. प्रदेश के स्थापना दिवस एक नवम्बर को पूरे प्रदेश में अपरान्ह में आधे दिवस का शासकीय अवकाश रहेगा. स्थापना दिवस के अवसर पर संध्याकाल में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए सभी शासकीय कार्यालयों में यह अवकाश रहेगा. इस संबंध में शासन द्वारा आदेश जारी किए गए हैं. आइये जानते हैं मध्यप्रदेश के स्थापना कैसे हुई और भोपाल इसकी राजधानी कैसे बनी.

कैसे बना एमपी?

मध्यप्रदेश की स्थापना राज्‍यों के पुनर्गठन के फलस्‍वरूप 1 नवंबर 1956 को हुई थी. यह राज्य देश के आजादी के बाद अस्तित्व में आया है. देश के मध्य भाग में स्थित होने की वजह से राज्य का नाम मध्य प्रदेश रखा गया था. वहीं प्रदेश का पुर्नगठन भाषीय आधार पर किया गया था.

1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो मध्य भारत और विंध्य प्रदेश के नए राज्यों को पुरानी सेंट्रल इंडिया एजेंसी (CIA) से अलग कर दिया गया. इसके ठीक तीन साल बाद 1950 में मध्य प्रांत और बरार का नाम बदलकर मध्य प्रदेश कर दिया गया.

प्रदेश का पुर्नगठन भाषीय आधार पर किया गया था. इसके घटक राज्य मध्य प्रदेश, मध्य भारत, विन्ध्य प्रदेश एवं भोपाल थे जिनकी अपनी-अपनी विधानसभाएं थीं. इस राज्य का निर्माण तत्कालीन सीपी एंड बरार, मध्य भारत, विंध्यप्रदेश और भोपाल राज्य को मिलाकर हुआ. इसे पहले मध्य भारत के नाम से भी जाना जाता था. वहीं विंध्य प्रदेश की राजधानी रीवा हुआ करती थी.

भोपाल कैसे बनी राजधानी?

मध्यप्रदेश के अस्तित्व में आने के बाद पंडित रविशंकर शुक्‍ल मध्‍य प्रदेश के प्रथम मुख्‍यमंत्री और डाक्‍टर बी पट्टाभिसीतारमैया पहले राज्‍यपाल बनाए गए. इतिहासकारों की मानें तो राज्य की राजधानी का चुनाव उस वक़्त बड़ा संकट का विषय बन गया था. राजधानी के लिए भोपाल के साथ इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा जैसे शहरों के नाम प्रस्तावित किए गए थे. लेकिन सरकारी भवन सबसे अधिक भोपाल में थे, इस वजह से भोपाल को एमपी की राजधानी बनाना आसान था, इसलिए राजधानी के तौर पर भोपाल का चुनाव कर लिया गया.

भोपाल के नवाब तो भारत से संबंध ही रखना नहीं चाहते थे. वे हैदराबाद के निजाम के साथ मिलकर भारत का विरोध करने लगे थे, लेकिन देश के हृदय स्थल में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए भोपाल को ही मध्य प्रदेश की राजधानी बनाने का फैसला किया गया.

31 अक्‍टूबर को मध्‍य प्रदेश का विभाजन करके एक नवंबर 2000 को देश के 26 वें राज्‍य के रूप में छत्‍तीसगढ़ का गठन किया गया. भू वैज्ञानिक दृष्टि से मध्‍य प्रदेश सर्वाधिक प्राचीनतम गोंडवानालैंड भू संहति का भू भाग है. इसकी सरंचना आद्य, महाकल्‍प शैल समूह के आसपास हुई मानी जाती है.

5 राज्यों की सीमाएं

क्‍या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश की सीमाएं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती हैं. मध्‍य प्रदेश के उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र और पश्चिम में गुजरात तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान राज्‍य है.

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