Lumpy Disease: राजस्थान में फैली लंपी बीमारी, मध्य प्रदेश सरकार अलर्ट, जारी की एडवाइजरी
Lumpy Disease: मध्य प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए चिकित्सा विभाग को निर्देशित किया है कि इस बीमारी पर नजर रखें।
Lumpy Skin Disease: राजस्थान में पशुओं में लम्पी (Lumpy) नामक संक्रामक बीमारी फैली हुई है। दिनोंदिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं। राजस्थान में 40 हजार से ज्यादा पशुओं की मौत हो चुकी है तो लाखों पशु संक्रमण की चपेट में है। मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य राजस्थान मे फैली इस बीमारी को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने एडवाइजरी (MP Government Advisory) जारी की है। जिससे प्रदेश के पशुओं में यह बीमारी न फैले।
लगाए गए कई प्रतिबंध
मध्य प्रदेश सरकार ने संक्रमित पशुओं से स्वस्थ पशुओं में फैलने वाली इस बीमारी को देखते हुए सरकार ने कई प्रतिबंध लगाए हैं। जारी आदेश के अनुसार संक्रमित क्षेत्र के बाजार में पशुओं की बिक्री, प्रदर्शनी तथा खेल आदि पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही कहा गया है कि संक्रमित क्षेत्र में मच्छरों की रोकथाम की जाए। मध्य प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए चिकित्सा विभाग को निर्देशित किया है कि इस बीमारी पर नजर रखें।
साथ ही आमजन से अपील करते हुए कहा है कि इस बीमारी से घबराने की आवश्यकता नहीं है। सरकार के पास हर स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। आवश्यकता है सिर्फ लोगों के जागरूक होने की। उन्होंने कहा है कि अगर कोई भी समस्या हो तुरंत चिकित्सालय में जाकर संपर्क करें।
बीमारी के क्या है लक्षण
जानकारी के अनुसार लंपी नामक बीमारी (Animal Disease) से ग्रसित पशुओं के शरीर में छोटे-छोटे गठान और चकत्ते पड़ जाते हैं। पशुओं के मुंह से लगातार लार पानी निकलता रहता है। वहीं दुधारू पशुओं का दूध कम हो जाता है। पशु खाना पीना छोड़ देते हैं। अगर समय पर पशुओं को इलाज उपलब्ध न हुआ तो यह संक्रमण इतनी तेजी के साथ फैलता है कि कुछ दिनों बाद पशु की मौत हो जाती है। साथ ही इन पशुओं के संपर्क में आने से यह बीमारी दूसरे पशुओं में भी फैलती है। मक्खी, मच्छर और खून चूसने वाले कीटों के द्वारा यह बीमारी दूसरे पशुओं तक पहुंचती है।
मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के पशुपालकों से सतर्क रहने के लिए कहा है। साथ ही कहा है कि पशुओं में अगर इस तरह के कोई भी लक्षण दिखाई दें तुरंत चिकित्सालय में संपर्क कर पशुओं का इलाज करवाएं। साथ ही संक्रमित पशु को अन्य स्वास्थ्य पशुओं से अलग रखें।