एमपी के विदिशा में 60 फीट गहरे बोरवेल में गिरा लोकेश हार गया जिदंगी की जंग

MP News: एमपी विदिशा जिले की लटेरी तहसील के गांव खेरखेड़ी में लोकेश अहिरवार खुले बोरवेल में गिर गया था। प्रशासन व पुलिस के लाख प्रयासों के बावजूद सात वर्षीय मासूम जिदंगी की जंग हार गया।

Update: 2023-03-15 11:12 GMT

एमपी विदिशा जिले की लटेरी तहसील के गांव खेरखेड़ी में लोकेश अहिरवार खुले बोरवेल में गिर गया था। प्रशासन व पुलिस के लाख प्रयासों के बावजूद सात वर्षीय मासूम जिदंगी की जंग हार गया। लोकेश को बचाने के लिए 24 घंटे रेस्क्यू अभियान चलाया गया। जिसमें पूरी रात एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर जुटी रहीं। आज सुबह तकरीबन 11 बजे तक सुरंग बनाने का काम पूरा हो गया। जिसके बाद टीम के कुछ सदस्य सुरंग के अंदर पहुंचे और लगभग पौने 12 बजे बच्चे को बाहर लाया गया। इस दौरान चिकित्सकों की टीम व एम्बुलेंस मौके पर मौजूद रही। एम्बुलेंस के माध्यम से बच्चे को लटेरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए रवाना किया गया किंतु उसकी जान नहीं बच सकी।

चिकित्सकों ने मृत घोषित किया

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लटेरी में चिकित्सकों की टीम द्वारा लोकेश को मृत घोषित कर दिया गया। बच्चे के मौत की पुष्टि कलेक्टर उमाशंकर भार्गव द्वारा भी की गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के निर्देश पर मृतक के परिजन को 4 लाख रुपए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। बताया गया है कि बोरवेल के समानांतर गड्ढा खोदाई के दौरान चट्टान आ जाने के कारण रेस्क्यू में देरी हुई। जवानों का कहना है कि खोदाई के दौरान बच्चा बोरवेल में नीचे खिसक गया था। जिसके चलते गड्ढे की गहराई बढ़ानी पड़ी। सुबह 6 बजे तक 46 फीट गड्ढा खोदा गया था। जिसके बाद पांच फीट गड्ढा और खोदा गया। जिसके बाद सुबह तकरीबन 8 बजे संरग बनाने का काम एनडीआरएफ टीम द्वारा प्रारंभ किया गया।


43 फीट गहराई में फंसा था लोकेश

7 वर्षीय मासूम दौड़ते समय खेत में खुले बोरवेल में गिर गया था। जिसके बचाव का कार्य एनडीआरएफ और पुलिस टीम द्वारा प्रारंभ कर था। बच्चा जिस बोरवेल में बच्चा गिरा था उसकी गहराई 60 फीट थी, जबकि बच्चा 43 फीट की गहराई में फंसा हुआ था। बच्चे को सकुशल बचाने के लिए मौके पर चार जेसीबी मौजूद रहीं। जिनके द्वारा पैरेलल गड्ढा खोदने का काम किया गया। कैमरे से बच्चे के मूवमेंट पर नजर रखने के साथ ही पर्याप्त ऑक्सीजन भी दी गई।

बंदरों के पीछे भागते समय हुई घटना

जानकारी के अनुसार घटना मंगलवार की सुबह 11 बजे घटित हुई। खेल-खेल में लोकेश बंदरों के पीछे भाग रहा था। इस दौरान वह बोरवेल में जा गिरा। यह बोरवेल खेत में खुली अवस्था में था। घटना की सूचना मिलते ही बचाव के प्रयास प्रारंभ कर दिए गए थे। इस दौरान सबसे पहले बच्चे को ऑक्सीजन की सप्लाई दी गई थी। बोरवेल में लोकेश 43 फीट की गहराई पर फंसा हुआ था, यह बोरवेल तकरीबन 60 फीट गहरा है जो बिना केसिंग का था। बच्चे की निगरानी के लिए नाइट विजन कैमरा भी बोर में डाला गया था।

चार साल से बोरवेल खुला पड़ा है

ग्रामीणों की मानें तो जिस बोरवेल में लोकेश गिरा वह खेत राधेलाल अहिरवार का है। जिसमें खेत की सिंचाई के लिए राधेलाल द्वारा चार वर्ष पूर्व यह बोर कराया गया था किंतु इसमें पानी नहीं निकला जिसकी वजह से इसे खुला ही छोड़ दिया गया और उसमें बच्चा गिर गया। इस संबंध में कलेक्टर उमाशंकर भार्गव का कहना है कि बोरवेल खुला छोड़ने वाले खेत मालिक पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। जिले में एक सप्ताह के भीतर खुले पड़े बोरवेल को बंद कराया जाएगा।

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