खंडवा लोकसभा: उपचुनाव का ऐलान होने से पहले ही दावेदार मडराए : MP NEWS

खंडवा। भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह के निधन के बाद खाली हुई खंडवा लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है लेकिन दावेदारों की सक्रियता बढ़ने लगी है। यहां सन् 1980 के बाद उपचुनाव हो रहे हैं। आपको बता दें कि दमोह विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के बाद खंडवा लोकसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। दावेदार सक्रिय हो गये हैं। कांग्रेस की ओर सबसे बड़े दावेदार अरुण यादव हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी है। वह एक बार यहां से सांसद का चुनाव जीत भी चुके हैं।

Update: 2021-04-03 08:32 GMT

खंडवा। भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह के निधन के बाद खाली हुई खंडवा लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है लेकिन दावेदारों की सक्रियता बढ़ने लगी है। यहां सन् 1980 के बाद उपचुनाव हो रहे हैं। आपको बता दें कि दमोह विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के बाद खंडवा लोकसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। दावेदार सक्रिय हो गये हैं। कांग्रेस की ओर सबसे बड़े दावेदार अरुण यादव हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी है। वह एक बार यहां से सांसद का चुनाव जीत भी चुके हैं।

इसी तरह भाजपा की तरफ से फिलहाल दो दावेदार चर्चा में हैं। जिनमें पहला नाम पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस का सामने आया है, तो वहीं खरगोन के पूर्व सांसद कृष्णमुरारी मोघे का नाम भी चर्चा में है। जबकि नंदकुमार सिंह के बेटे हर्षवर्धन सिंह भी सक्रिय देखे जा रहे हैं। दो और दावेदार हैं जिनमें पूर्व मेयर सुभाष कोठारी एवं अशोक पालीवाल का नाम सामने आ रहा है। अभी फिलहाल चर्चाओं का बाजार है, असली तस्वीर चुनाव का ऐलान होने के बाद ही सामने आएगी।

ऐसा रहा खंडवा लोकसभा का चुनावी इतिहास

खंडवा लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा 6 बार नंदकुमार सिंह विजयी हुए हैं। खंडवा लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत 8 विधानसभा सीटे हैं जिनमें खंडवा, बुरहानपुर, नेपानगर, भीकनगांव, बागली, पंधाना, मांधाता, बड़वाह शामिल है। इन 8 विधानसभा सीटों में से 3 भाजपा, 4 कांग्रेस और एक निर्दलीय के कब्जे में है। वैसे खंडवा लोकसभा सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है। जहां कांग्रेस भी सेंध लगाने की पूरी कोशिश में है।

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