जबलपुर हाई कोर्ट का आदेश, फिर होगी पुनर्मतगणना, सरपंच प्रत्याशी ने दायर की थी याचिका

जबलपुर हाई कोर्ट (Jabalpur High Court) का आदेश, ग्राम पंचायत मझगवां (Gram Panchayat Majhgawan) के सरपंच चुनाव की पुनर्मतगणना कराई जाय।

Update: 2022-07-07 11:39 GMT

Jabalpur High Court News: हाईकोट जबलपुर ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी जबलपुर को आदेश दिया है कि चार दिन के भीतर ग्राम पंचायत मझगवां (Gram Panchayat Majhgawan) के सरपंच चुनाव की पुनर्मतगणना कराई जाय।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी ने याचिका की सुनवाई के पश्चात दिया है। साथ ही न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी ने याचिकाकर्ता को अपने आदेश की कापी देते हुए कहा है कि इसे निर्वाचन अधिकारी को दिया जाया जिससे समय रहते आदेश का पालन हो सके। कहा जा रहा है कि यह हाईकोर्ट का अपनी तरह का पहला आदेश है।

क्या है पूरा मामला

मिली जानकारी के अनुसार अधिवक्ता सुशील मिश्रा की ओर से शशि यादव की याचिका हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसमें बताया गया कि शशि यादव ने ग्राम पंचायत मझगवां के सरपंच पद के लिए 3 जून को नामांकन भरा। 25 जून के मतदान हुआ। जिसमें कुल 6 प्रत्याशी मैदान में थे।

 मतदान दिनांक 25 जून के ही रात के 10 बजे मतगणना हुई और पीठासीन अधिकारी द्वारा बताया गया कि शशि को 327 वोट मिले हैं। वही रंगोली रजक को 328 वोट मिले। लेकिन याचिकाकर्ता ने मतगणना के उसी रात पुनर्मतगणना के लिए पीठासीन अधिकारी को अवेदन दिया। साथ ही दूसरे दिन पुनर्मतगणना का आवेदन जिला निर्वाचन अधिकारी और चुनाव आयोग को दिया। बाद में उसने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी।

क्या कहता है नियम

नियम के अनुसार बताया गया है कि अगर कोई भी उम्मीदवार वजयी घोषित नहीं हुआ है। ऐसे में उम्मीदवार मतगणना के दिन ही आवेदन पेश करता है तो मध्य प्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम की धारा 77 (दो) सहपठित नियम 80( एक) के तहत हाईकोर्ट को पुनर्मतगणना के आदेश का अधिकार है। वहीं पता चलता है कि पोलिंग बूथें में मतो की गणना अवश्य कर दी गई है लेकिन किसी भी प्रत्याशी को विजई घोषित नही किया गया है। और न ही किसी को प्रमाणपत्र दिया गया है। सरपंचों को जीत का प्रमाण पत्र 14 जुलाई को दिया जाना है। ऐसे में पुनर्मतगणना का आवेदन पर सुनवाई की जा सकती है।

निर्वाचन आयोग ने कहा

निर्वाचन आयोग की ओर से प्रस्तुत हुए अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने अपने पक्ष रखे। तथा न्यायालय के आदेश पर कहा कि याचिकाकर्ता के आवेदन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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