एमपी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं का बढ़ा मानदेय, रिटायरमेंट पर मिलेगी इतनी राशि

MP News: मध्यप्रदेश में आगनबांड़ी कार्यकर्ताओं व मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ा दिया गया है। जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को की।

Update: 2023-06-11 09:40 GMT

मध्यप्रदेश में आगनबांड़ी कार्यकर्ताओं व मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ा दिया गया है। जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को की। एमपी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब रिटायर होने पर एकमुश्त सवा लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे। जबकि आंगनबाड़ी सहायिका को रिटायरमेंट पर एक लाख रुपए मिलेंगे।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को यह भी मिलेगा लाभ

एमपी भोपाल के दशहरा मैदान में आयोजित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी सहायिका को पदोन्नति में आरक्षण 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा कराया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाकर 13 हजार रुपए कर दिया जाएगा। जबकि मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय भी बढ़ाकर 6500 रुपए कर दिया जाएगा। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रिटायर होने पर एकमुश्त सवा लाख रुपए मिलेंगे। जबकि आंगनबाड़ी सहायिका को रिटायरमेंट पर एक लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे।

सीएम ने कहा कमलनाथ ने की मानदेय में कटौती

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री बने तो उस समय मानदेय केवल 500 रुपए था। जिसमें वर्ष 2008-09 में वृद्धि करते हुए इसे 1500 रुपए हमने किया। वर्ष 2013-14 में पुनः इसके बढ़ाया। 2018 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय बढ़ाकर 10 हजार रुपए हमने कर दिया। उन्होंने कहा कि यह काम भाजपा सरकार ने किया। हमने जो 10 हजार रुपए बढ़ाए थे उसमें कांग्रेस ने 1500 रुपए मार दिया। पैसे काट लिए जो अन्याय था।

मांगें मनवाने तपती धूप में बैठी रहीं कार्यकर्ता व सहायिका

भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं का सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें भाग लेने के लिए प्रदेश भर से महिलाएं काफी तादात में पहुंचीं। वह अपनी मांगें मनवाने के लिए तपती दोपहरी में गर्मी से परेशान रहीं। कूलर और पंखों का इंतजाम नहीं होने के कारण दुपट्टे, साड़ी के पल्लू और कागजों से हवा करते हुए नजर आईं। उनका कहना था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का 20 हजार और सहायिका का वेतन 10 हजार रुपए किया जाए। क्योंकि हर काम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कराया जाता है। किंतु इसके बदले में अलग से एक रुपए उन्हें नहीं दिया जाता।

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