एमपी के नीमच में युवक ने बनाए जुगाड़ वाले उपकरण, खेती करना हुआ आसान
छोटे किसान जो ट्रैक्टर और बाजार के अन्य अत्याधुनिक संसाधन नहीं खरीद सकते हैं उनके लिए नीमच के एक युवक ने जुगाड़ वाले उपकरण तैयार किए हैं। जिनके जरिए खेती करना बेहद आसान हो जाता है।
खेती को आमदनी का जरिया बनाने के लिए विभिन्न तरह के उपकरण व संसाधन मौजूद बाजार में मौजूद हैं। किन्तु इनकी पहुंच अभी कुछ ही किसानों तक है। कुछ किसान ऐसे भी हैं जिनके पास पैसे न होने के कारण वह इन अत्याधुनिक संसाधनों का लाभ खेती में नहीं ले पाते। किन्तु अब उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं। नीमच के एक युवक ने जुगाड़ वाले उपकरण तैयार किए हैं जिनके जरिए खेती करना बेहद आसान हो जाता है।
8 लाख के ट्रैक्टर का काम मात्र 1 लाख में
छोटे किसान जो ट्रैक्टर और बाजार के अन्य अत्याधुनिक संसाधन नहीं खरीद सकते हैं उनके लिए बहुत ही कम लागत में जुगाड़ से औजार बनाए गए हैं जिनको वह आसानी से कम कीमत में खरीद सकते हैं। नीमच जिले स्थित जावद के नयागांव निवासी एक युवक ने कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखाया है। विशाल लोहार ने ऐसे यंत्र तैयार किए हैं जो आठ लाख रुपए के ट्रैक्टर का काम मात्र एक लाख रुपए में कर देंगे। बताया गया है कि इससे जुताई, बिजाई, निंदाई, गुड़ाई, भार ढोना, कीटनाशक छिड़कने जैसे तमाम खेती के काम किए जा सकते हैं। अब तक 25 राज्यों के 200 से अधिक किसानों को यह उपकरण पसंद भी आए हैं।
बाइक से बनाया ट्रैक्टर
ग्रेजुएशन करने के बाद विशाल को रोजगार की तलाश थी। छोटे किसानों को खेती में आ रही दिक्कतों को देखते हुए उनके द्वारा मिनी ट्रैक्टर बनाने की ठानी गई जिससे कम कीमत में किसानों को सहूलियत मिल सके। विशाल ने अपने हुनर के जरिए बाइक को मिनी ट्रैक्टर का स्वरूप प्रदान किया। जिसके बाद मिनी ट्रैक्टर में उनके द्वारा अलग-अलग प्रयोग भी किए गए। इससे दवा छिड़कने वाला यंत्र बनाया गया। किसानों की मांग के अनुरूप विशाल ने अब कई यंत्र और तैयार कर लिए हैं। खेती के उपयोग में आने वाले यंत्र किसानों को बेहद भा रहे हैं।
तैयार किए यह औजार
विशाल की मानें तो यदि किसान इन सभी यंत्रों को बाजर से खरीदता है तो तकरीबन उसे 8 लाख रुपए के आसपास खर्च आएगा। किन्तु उनके द्वारा जो जुगाड़ के उपकरण तैयार कर उनके द्वारा प्रदान की जा रही है उसमें मात्र 1 लाख रुपए का खर्च आता है। विशाल के अनुसार बाइक से एक मिनी ट्रैक्टर तैयार करने में दो दिन का समय लगता है। जिसमें पुरानी बाइक का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें खरपतवार, दवाई स्प्रे यंत्र, बुआई मशीन, ट्राली, चेन लेस यंत्र का निर्माण भी किया जा रहा है। जुगाड़ से सबसे कम दाम पर बाइक को ट्राली बना दी जाती है। विशाल की मानें तो देश के करीब 25 राज्यों में वे अपने मिनी ट्रैक्टर बनाकर बेच चुके हैं।