67 सालों में माननीयों ने एमपी विधानसभा में बोल डालें 1161 असंसदीय शब्द, अब पप्पू, फेंकू जैसे शब्द बोलने में पाबंदी लगी
विधानसभा की कार्रवाई सोमवार से शुरू हो रही हैं। इसकों लेकर तैयारी की गई है। इस बार भाषा मर्यादा का चयन भी किया गया है।
भोपाल। एमपी विधानसभा (MP Vidhan Sabha) में इस बार माननीयों के सुर बदले रहेगे। क्योंकि इस बार असंसदीय शब्दों पर पाबंदी लगाई गई है। 1954 से अब तक 67 सालों में विधानसभा के अंदर 1161 ऐसे शब्दों का उपयोग माननीयों ने किया है जो कि असंसदीय शब्दो की श्रेणी में रखे गये है।
लगाई गई शब्दो की आचार संहिता
दरअसल मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 9 अगस्त से शुरू हो रहा है। विधायकों को विधानसभा में अब अपनी बात रखते समय शब्दों के चयन और भाषा की मर्यादा रखनी होगी। विधानसभा में शब्दों की आचार संहिता लगा दी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने विधानसभा की इस पहल का स्वागत किया है।
ऐसे शब्दो पर रोक
विधानसभा सदन की कार्यवाही के दौरान माननीय बंटाधार, पप्पू, फेंकू, जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। विधायकों द्वारा बोले गए 1161 वाक्य अससंदीय घोषित कर दिया गया है, जिनमें चोर, उचक्का,झूठा, बकवास, भ्रष्ट, शैतान, लफंगा जैसे शब्द शामिल है।
तैयार की गई पुस्तक
विधानसभा सचिवालय ने संसदीय शब्द एवं वाक्यांश संग्रह पुस्तक तैयार की है। इसका विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने रविवार को कार्यक्रम के दौरान विमोचन किया है। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
शब्दो की तैयार की गई सूची
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि सदन के अंदर शब्दो और वाक्यों का महत्व है। जिसे देखते हुये विधानसभा के लिए शब्दों और वाक्यों की सूची बनाई गई है, जो आमतौर पर सदन में विधायकों द्वारा एक-दूसरे पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। सदन में शब्दो की मर्यादा को बनाये रखने के लिये ऐसे असंसदीय शब्दों की तलाश करके उसे सूचीबद्ध किया गया। अब ऐसे शब्दो के उपयोग को रोकने के लिए वाक्यांश संग्रह तैयार किया गया है।