एमपी में 21 लाख महिला तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब चप्पल की जगह सैंडल देगी सरकार, यह भी मिलेगा
MP News: एमपी में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में सरकार लोगों को साधने में जुट गई है। चुनाव से पूर्व जंगल से सटे इलाकों में रहने वाले वनवासी आदिवासियों को अब सरकार चप्पल की जगह सैंडल प्रदान करेगी।
एमपी में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में सरकार लोगों को साधने में जुट गई है। चुनाव से पूर्व जंगल से सटे इलाकों में रहने वाले वनवासी आदिवासियों को अब सरकार चप्पल की जगह सैंडल प्रदान करेगी। इसके तहत तेंदूपत्ता संग्राहक 15.24 लाख परिवारों को साड़ी, सैंडल, जूते, पानी की बोतल और छाता बांटेगी। परिवार में जितनी भी महिलाएं होंगी सभी को साड़ी और सैंडल प्रदान किया जाएगा।
260 करोड़ रुपए होंगे खर्च
मध्यप्रदेश की 21 लाख महिला तेंदूपत्ता संग्राहकों को सैंडल दिया जाएगा। महिलाओं को पूर्व में चप्पल दिया जाना था किंतु अब इसको बदलकर सैंडल कर दिया गया है। इसके साथ हर परिवार को एक-एक नग जूते, पानी की बोतल, साड़ी और छाता प्रदान किया जाएगा। लघु वनोपज संघ के माध्यम से होने वाले इस वितरण में लगभग 260 करोड़ रुपए खर्च होंगे। साड़ी और सैंडल के मामले में प्रति परिवार एक नग की बंदिश नहीं होगी। परिवार में जितनी भी महिलाएं होंगी सभी को साड़ी और सैंडल प्रदान किया जाएगा।
21 लाख साड़ी और सैंडल का दिया ऑर्डर
वन विभाग के मुताबिक गत वर्ष महिलाओं की संख्या 18.21 लाख थी। अब इनकी संख्या बढ़कर 20 लाख से अधिक होने का अनुमान है। जिसके कारण वन विभाग ने 21 लाख साड़ी और सैंडल का ऑर्डर दिया है। इन सामग्रियों के वितरण की तारीख अभी फाइनल नहीं हुई है किंतु वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि 20 जून से 30 जून के मध्य इसका वितरण कर दिया जाएगा। वितरण की जाने वाली सामग्री में छातों को छोड़कर सभी उत्पादों की आपूर्ति लघु वनोपज संघ को होना भी प्रारंभ हो गई है।
ऑर्डर में इसलिए हो रही देरी
तेंदूपत्ता संग्राहकों को वितरित किए जाने वाले छातों पर सरकार मप्र वन विभाग का लोगो, सीएम का फोटो अथवा राज्य सरकार के किसी प्रतीक को प्रिंट कराना चाहती है। जिसके चलते इसके ऑर्डर में कुछ देरी हो रही है। वर्ष 2018 में राज्य सरकार विधानसभा चुनाव से पहले चरण पादुका योजना लेकर आई थी। उस समय कुछ जिलों में घटिया किस्म की चप्पल और जूते दिए जाने का मुद्दा कांग्रेस ने जोर-शोर से उछाला था। जिसके कारण इस बार सरकार ने कंपनियों से प्रोडक्शन के पूर्व और प्रोडक्शन के दौरान और बनने के बाद तीन बार सैंपल चेक कराने की व्यवस्था की है। जिससे किसी तरह की गड़बड़ी न हो सके।
इनका कहना है
इस संबंध में मप्र लघु वनोपज सहकारी संघ के प्रबंध संचालक पुष्कर सिंह का कहना है कि तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को जूते, चप्पल, साड़ी, सैंडिल, पानी की बोतल और छाता का वितरण किया जाना है। इसको जून माह के आखिरी सप्ताह में किया जा सकता है। सामग्री में क्वालिटी का विशेष ध्यान रखा गया है। इस बार महिलाओं को चप्पल के स्थान पर सैंडिल प्रदान की जाएगी।