एमपी के 80 हजार शिक्षकों के लिए Good News, जल्द मिलेगा समयमान वेतनमान का लाभ! राज्य सरकार ने शुरू की पहल
एमपी के 80 हजार शिक्षकों के लिए Good News, जल्द मिलेगा समयमान वेतनमान का लाभ! राज्य सरकार ने शुरू की पहल! Good news for 80 thousand teachers of MP, soon you will get the benefit of time scale pay scale! State government initiated
MP Teacher News: शिक्षक संवर्ग में शामिल हुए शिक्षकों की मांग को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के आदेश पर लोक शिक्षण संचालनालय प्रस्ताव तैयार करने में जुट गया है। इस प्रस्ताव के अमल में लाने से प्रदेश के करीब 80 हजार शिक्षकों को लाभ मिलेगा। काफी लम्बे समय से प्रदेश के शिक्षक संवर्ग में शामिले हुए शिक्षक क्रमोन्नति की मांग कर रहे थे। जिस पर सरकार ने निर्णय लेते हुए क्रमोन्नति के बजाय समयमान वेतनमान का लाभ देने जा रही है। इसके लिए शिक्षण संचालनालय प्रस्ताव तैयार कर भेजने के लिए कहा गया है। ऐसे में मान जा रहा है कि जुलाई के महीने में इसका लाभ शिक्षकों को मिल सकता है।
शिक्षक कर रहे थे मांग
जानकारी के अनुसार वर्ष 2006 में नियुक्त हुए शिक्षक वर्ष 2018 में 12 वर्ष पूरा कर चुके है। अब उन्हे क्रमोन्नति का लाभ दिया जाना था। जिसके लिए शिक्षक काफी समय से मांग भी कर रहे थे। वही अगर देखा जाये तो नियम के मुताबिक 12, 24 और 30 साल में क्रमोन्नति दिया जाता है। ऐसे में शिक्षकों द्वारा कई बार ज्ञापन, प्रदर्शन और रैली भी निकाली गई। लेकिन ध्यान नही दिया जा रहा है।
अटका रह गया था मामला
पूर्व में शिक्षकों की मांग को ध्यान मे ंरखते हुए सरकार ने नोटशीट तैयार करने की दिशा में प्रयास शुरू करना शुर कर दिया था। लेकिन यह नोटशीट लोक शिक्षण संचालनालय, सामान्य प्रशासन विभाग तथा वित्त विभाग और विधि विभाग के बीच घूमती रही। लेकिन एक बार फिर सरकार ने लोक शिक्षण संचालनालय को प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है।
प्रस्ताव लिया गया वापस
सामन्य प्र्रशासन विभाग की माने तो वर्ष 2006 से सभी कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया जा रहा था। इसके बाद भी क्रमोन्नति का प्रस्ताव तैयार किया गया और अब उसे भी वापस ले लिया गया। अब लोक शिक्षण संचालनालय को नया प्रस्ताव तैयार कर भेजने के लिए कहा गया है।
शिक्षकों में नाराजगी
आजद अध्यापक संघ द्वारा कहा गया है कि हो रही देरी के चलते शिक्षकों में नाराजगी देखी जा रही है। संघ के अध्यक्ष भरत पटेल ने कहा है कि पहले ही इस सम्बंध में विभाग के मंत्री, प्रमुख सचिव संचालक से बात हो चुकी है। उसके बाद भी देरी हो रही है। जिससे शिक्षकों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। इस पर सार्थक निर्णय लिया जाना चाहिए।