एमपी में नकली नोट छापने वाले गैंग का भंडाफोड़, पहले खुद का बनाया डेथ सर्टिफिकेट इसके बाद शुरू किया गोरखधंधा
MP News: एमपी की इंदौर पुलिस ने नकली नोट छापकर उसे बाजार में चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। आरोपी गैंग यवतमाल, खंडवा और उज्जैन में अब तक लाखों रुपए के फर्जी नोटों को चला चुका है।
एमपी की इंदौर पुलिस ने नकली नोट छापकर उसे बाजार में चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। आरोपी गैंग यवतमाल, खंडवा और उज्जैन में अब तक लाखों रुपए के फर्जी नोटों को चला चुका है। पुलिस की दबिश के बाद पकड़े गए आरोपियों के सरगना ने खुलासा करते हुए कहा है कि वह नोट की डिलीवरी देने के बाद सामने वाली पार्टी को नोट को हल्दी के पानी में से निकलने को कहता था।
डिलीवरी देते समय करता था स्टिंग ऑपरेशन
इस मामले में एडिशनल डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा के मुताबिक मार्च और अप्रैल माह में 2000 के नोट चलाए थे। जिसके बाद आरबीआई द्वारा नोट वापस जमा करने का समय देने के बाद 2 हजार के नोट छापने बंद कर दिए थे। आरोपी द्वारा 50 रुपए के नोट भी कई बार छापे गए हैं। जिनको बाजारों में खपाया गया। पुलिस के मुताबिक आरोपी जब 500 और 100 के नोट छापने के बाद डिलीवरी देने के लिए जाते थे तो सामने वाली पार्टी का स्टिंग ऑपरेशन भी करते थे। इनके पास से एक स्पाई कैमरा भी बरामद किया गया है। इसके साथ ही एक कैमरा भी मिला है जिसमें नोट छापने के बाद वह उन्हें फोटो खींचकर रखता था। आरोपियों के पास से मेमोरी कार्ड अभी पुलिस को नहीं मिल सका है।
आरोपी ने किए कई खुलासे
पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने के दौरान सरगना ने कई खुलासे किए हैं। उसने बताया कि वह नोटों की डिलीवरी चार्टर्ड बस की सहायता से भी करता था। जब भी सैंपल भेजना होता था तब शहर के बाहर बसों की सहायता से उन सैंपलों को भेजा जाता था। पुलिस को पकड़े गए मुख्य आरोपी ने बताया कि वह दो बार नकली डिमांड ड्राफ्ट छापने में पकड़ा गया था। जिसके कारण उस पर कर्ज अधिक हो गया था। कर्ज उतारने के लिए उसने नोट छापने का काम प्रारंभ किया।
बैतूल का है मुख्य सरगना
पुलिस का कहना है कि नकली नोट छापने वाला मुख्य सरगना बैतूल का रहने वाला है। जिसका नाम राजेश बरपेते है, उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने जब आरोपी के फ्लैट में छापामार कार्रवाई की तो उसके यहां प्रिंटर, स्कैनर और नोट छापने का काफी सामान भी मिला। वह इतना शातिर था कि एक सीरीज की नोट छापने के बाद उसे हटा दिया करता था, इसके बाद उसे बाजार में चलाता था। आरोपी एक दुकान पर ही बार-बार नोट को चलाता था, जिसके कारण मुखबिर को यह जानकारी लग गई और उसने पुलिस को मामले से अवगत कराया। जिसके बाद राजेश बरपेत सहित अन्य साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पहले अपना फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनाया
बताया गया है कि गैंग के सरगना राजेश ने अगस्त 2020 में अपने आपको मृत घोषित करने के बाद एक नई पहचान स्थापित की। उसने अपना फर्जी डेथ सर्टीफिकेट बनाया इसके बाद अशोक चौहान नाम से फर्जी दस्तावेज बनाए और फर्जी नोट छापने का कारोबार प्रारंभ किया। पूछताछ के दौरान सरगना ने पुलिस को बताया कि उसने यूट्यूब और अन्य माध्यमों से यह नोट बनाना सीखा है। उसने अपनी मृत्यु बिहार में होनी बताई थी। मौत का फायदा लेकर ही वह अपने आपको छिपाए रखने में कामयाब हो रहा था। उसको यह यकीन था कि यदि वह अपनी मृत्यु अन्य व्यक्तियों को बता देगा तो कोई भी उसके पुराने घर तक या परिवार तक नहीं पहुंच पाएगा। किन्तु पुलिस ने उसे दबोच ही लिया। पुलिस ने इस मामले में सरगना राजेश, गणेश चौहान, विक्रम नरेश, प्रयेश स्वामी, राजेश बारबड़े और प्रवीण को गिरफ्तार किया है।