एमपी के जिप्सी संचालकों को वन विभाग ने दी राहत, अब जंगलों में 15 साल तक हो सकेगा संचालन

MP News: वन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश के जिप्सी संचालकों को राहत प्रदान की गई है। उन्हें पांच वर्ष का समय और दे दिया गया है। जिसके चलते जिप्सियां अब 10 नहीं, 15 वर्ष तक जंगल के अंदर चल सकेंगी।

Update: 2023-09-26 07:54 GMT

वन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश के जिप्सी संचालकों को राहत प्रदान की गई है। उन्हें पांच वर्ष का समय और दे दिया गया है। जिसके चलते जिप्सियां अब 10 नहीं, 15 वर्ष तक जंगल के अंदर चल सकेंगी। वन विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्वों में पर्यटकों को सैर कराने वाली जिप्सियों की एक्सपायरी डेट वन विभाग द्वारा बढ़ा दी गई है।

इन शर्तों का करना होगा पालन

जिप्सी संचालकों को वन विभाग ने राहत तो प्रदान कर दी है किंतु इस दौरान उन्हें कुछ शर्तों का भी पालन करना होगा। मुख्य प्रधान वन संरक्षक वाइल्ड लाइफ असीम श्रीवास्तव ने एमपी के सभी जिप्सी संचालकों को पांच साल की राहत प्रदान की है। आदेश जारी करते हुए यह शर्त भी रखी गई है कि प्रदेश के टाइगर रिजर्व के अंतर्गत संचालित पंजीकृत पर्यटक जिप्सी की कंडीशन अच्छी होनी चाहिए। जिप्सी का बीमा, पंजीकरण और फिटनेस आदि समस्त दस्तावेज जीवित हों। इस संबंध में टाइगर रिजर्व के समस्त क्षेत्र संचालकों को यह आदेश जारी भी कर दिए गए हैं।

13सौ से अधिक चल रही जिप्सियां

मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्वों में 13सौ से अधिक जिप्सियों का संचालन किया जा रहा है। जिनमें से लगभग 60 प्रतिशत जिप्सियां 10 साल से चल रही हैं, जिनकी एक्सपायरी डेट निकट आ गई थी। बांधवगढ़ में कुल 252 जिप्सियां रजिस्टर्ड थीं, जिनमें से 12 को गत वर्ष हटा दिया गया था। जिप्सी संगठन द्वारा महामारी के समय से ही यह मांग की जा रही थी कि जब परिवहन नियमों के अंतर्गत एक वाहन को 15 वर्ष तक संचालन की इजाजत है, तब वन विभाग में जिप्सी की समय सीमा 10 वर्ष क्यों है? इस पर लगभग तीन वर्ष तक विचार मंथन हुआ, जिसके वन विभाग ने इसमें 5 वर्ष की वृद्धि करने का निर्णय लिया। वन विभाग के इस आदेश से ऐसे जिप्सी संचालकों को लाभ मिल सकेगा जिनका रोजगार पर्यटन पर आधारित है।

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