MP में खाद संकट, किसान परेशान, जब पूछा गया सवाल CM Shivraj ने जोड़ लिए हाथ

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में फिर एक बार खाद संकट ने किसानो को परेशान कर रखा है।

Update: 2021-10-23 02:10 GMT

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के किसानों का संकट समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा लगता है समस्याएं किसानों के पीछे पड़ी हुई हैं। कभी बिजली संकट तो कभी खाद संकट का सामना किसान निरंतर कर रहे हैं। वही प्राकृतिक भी कम नहीं है। वर्तमान समय में चल रही खाद की समस्या पर जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) से सवाल किए गए तो वह हाथ जोड़कर आगे बढ़ गए। हालत यह है रबी की बोनी सिर पर है और खाद ढूंढे नहीं मिल रही। कई जिलों में तो किसान खाद के लिए धरना प्रदर्शन तक कर रहे हैं।

सीएम ने नहीं दिया जवाब

खाद के सवाल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जवाब न देना किसानों के लिए गंभीर समस्या की ओर इशारा कर रहा है। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर जिले (Chhatarpur District) में खाद के लिए किसान भटक रहे हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया कर्मियों ने मुख्यमंत्री से खाद को लेकर सवाल किए। लेकिन बताया जाता है कि शिवराज ने जवाब नहीं दिया। सवालों को अनसुना करवा छोड़कर आगे निकल गए। ऐसे में वहां कुछ किसान भी मौजूद थे जिन्हें काफी निराशा हुई।

रवि की बोनी सिर पर

वर्तमान समय में हालात इस तरह से हैं कि रबी फसलों की बोनी सिर पर है और डीएपी यूरिया जैसी खाद नहीं मिल पा रही है। किसान जेब में पैसे लिए नगद खाद खरीदने लिए गोदाम के चक्कर लगा रहे हैं इसके बाद भी खाद नहीं मिल रही। जहां वितरण भी हो रहा है वह भी आधा अधूरा।

वितरण व्यवस्था से किसान असंतुष्ट

किसानों की मानें तो उनका कहना है कि खाद की आपूर्ति ठीक तरीके से नहीं हो रही है। सरकार के पास खाद है लेकिन वितरण व्यवस्था दुरुस्त न होने से समस्याएं हो रही हैं। किसानों ने बताया कि खाद की कमी दूर करने के लिए प्रति एकड़ 2 बोरी खाद दी जा रही है। जबकि किसान की आवश्यकता चार से पांच बोरी की है। बिना खाद के खेती करना असंभव है। लेकिन सरकार 2 बोरी खाद देकर खाद वितरण दिखा रही है।

गोदामों के बाहर लंबी-लंबी कतार

एकाध जिलों को छोड़ दिया जाए तो पूरे प्रदेश के जिलों में किसान खाद की कमी से परेशान हैं। हर खाद गोदाम के बाहर लंबी-लंबी कतार देखने को मिल रही है। वहीं किसानों की माने तो खाद के इंतजार में सुबह से शाम हो जाती है। कई जगह तो प्रशासन ने टोकन की व्यवस्था कर किसानों को राहत पहुंचाने का कार्य किया है। सहकारिता मंत्री के पैतृक गांव में भी खाद के लिए किसान कतार पर सुबह से लग रहे हैं। किसानों की महिलाएं भोजन लेकर कतार में पहुंच रही हैं।

दुकानों में लूट रहे किसान

हालत यह है कि एक ओर सरकारी गोदामों में किसानों को खाद नहीं मिल रही है। तो वही दुकानदार महंगे दाम पर किसानों को खाद बेच रहे हैं। इस ओर प्रशासन की नजर नहीं है।

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