एमपी के किसान हो जाएं सतर्क! सरकार ने कृषि से जुड़े इस काम पर लगाया बैन, ₹15000 तक लग सकता है जुर्माना

MP News: मध्य प्रदेश के किसानो के लिए जरूरी सूचना है। मध्य प्रदेश सरकार ने कृषि से जुड़े एक काम को एमपी सरकार सख्त हो गई है।

Update: 2023-04-14 16:57 GMT

मध्य प्रदेश के किसानो के लिए जरूरी सूचना है। मध्य प्रदेश सरकार ने कृषि से जुड़े एक काम को एमपी सरकार सख्त हो गई है। सरकार ने इसको लेकर दण्डात्मक कार्रवाई करने का फैसला लिया है। एमपी के प्रशासन ने नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। 

बता दें की इसको लेकर इंदौर कलेक्टर इलैया राजा टी द्वारा समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित किया गया है कि नेशनल ग्रीन टिब्युनल के नोटिफिकेशन के प्रावधान अनुसार (Air Prevention and Control of pollution) Act, 1981 under section 19 (5) निर्देशों का पालन करवाये।

लगेगा जुर्माना 

जानकारी के अनुसार इसके अंतर्गत फसलों विशेषतः धान एवं गेहूँ की फसल कटाई उपरांत फसल अवशेषों (नरवाई) को खेतों में जलाये जाने को प्रतिबंधित किया गया है। जिसमें ऐसा कोई व्यक्ति / निकाय/ कृषक जिसके पास 2 एकड़ तक की भूमि है,उसको नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 2 हजार 500 रूपये प्रति घटना के मान से आर्थिक दण्ड भरना होगा। बता दें की इसी प्रकार 2 से 5 एकड़ भूमि होने पर 5 हजार रूपये तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि होने पर 15 हजार रूपये प्रति घटना के मान से आर्थिक दण्ड भुगतान का प्रावधान किया गया है।

उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास एस. एस. राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया की फसल कटाई उपरांत अवशेषों को जलाने की घटनाओं को रोकने के लिये मैदानी अमले द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया कि फसल अवशेषों (नरवाई) न जलायें।

जिसमें मुख्यतः पंचायत स्तर तक कृषक संगोष्ठी, प्रशिक्षण एवं पेम्पलेट वितरण कर व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। परिणाम स्वरूप पर्यावरण एवं मृदा, स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्परिणामों के प्रति कृषकों में जागरूकता आई है तथा जुताई में किसानों द्वारा रोटावेटर का उपयोग किया जा रहा है। प्राप्त कचरे का जैविक खाद बनाने में उपयोग हो रहा है।

उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा कृषकों से अपील की गयी है कि वे खेतों में नरवाई न जलायें। इससे पर्यावरण प्रदूषित होने से बचेगा । साथ ही खेत के साथ लगे अन्य स्थानों पर कोई अप्रिय घटना नहीं होगी। साथ ही साथ नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल एक्ट के तहत आर्थिक दण्ड भुगतान से भी बचा जा सकेगा।

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