धोखे से भी अगर इस घास पर पड़ गया आपका पैर तो चली जाएगी याददाश्त, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में है ये घास : GK IN HINDI
क्या आपने कभी सुना है कि घास पर पैर पड़ जाए तो व्यक्ति की याददाश्त चली जाती है। सहसा इस बात पर किसी को विश्वास नहीं होता।
क्या आपने कभी सुना है कि घास पर पैर पड़ जाए तो व्यक्ति की याददाश्त चली जाती है। सहसा इस बात पर किसी को विश्वास नहीं होता। लेकिन यह कोई कोरी बात नहीं है। यह एक सत्य जानकारी है। इसे नकारा नहीं जा सकता इसके प्रमाण भी हैं। पूर्व काल में राजा अपने खजाने तथा किले को सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खजाने के आसपास तथा महल के कुछ हिस्सों में इस घास को लगवाए रखते थे। इस घास का नाम भूलन घास है।
कहां मिलती है यह घास
इस घास के संबंध में बताया जाता है कि यह मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के सीमाई इलाकों में पाई जाती है। वर्तमान समय में यह घास छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव नामक स्थान में मौजूद है। लेकिन देखरेख के अभाव में अब यह धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। वहीं मध्य प्रदेश के अमरकंटक में भी यह घास पाई गई है।
ऐसी हेती है घास
घास के संबंध में वैज्ञानिकों का कहना है कि यह काले तने वाली घास है। इसके पत्ते हरे रंग के होते हैं। जो जमीन पर बिछे रहते हैं। यह कई के समान दिखती है। इस घास का उपयोग आयुर्वेदिक दवा बनाने में किया जाता है। अगर इस घास पर किसी का पैर पड़ जाए तो हम मत दो तीन घंटों के लिए ही अपनी याददाश्त खो देता है।
राजा ने लगवाया था महल में
कहा जाता है कि राजनंदगांव के राजा सर्वेश्वर दास और उनके बेटे दिग्विजय दास के शासनकाल में यह भूलन घास लगी हुई थी। राजा अपने खजाने की रक्षा के लिए किस घास को महल के कुछ विशेष हिस्सों में लगवाया था। जिससे चोरी या कि हमलावर वहां पहुंचे तो वह कुछ देर के लिए अपनी याददाश्त खो बैठे। इस भूलन घास से आज भी स्थानीय लोग डरते हैं।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक
लाइफ एंड साइंस विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है यह घास भूलन बूटी के नाम से जानी जाती है। जो मध्य प्रदेश के अमरकंटक के आसपास आज भी मौजूद है।
वही छत्तीसगढ़ में कई जगहों पर यह घास पाई गई है। मध्यप्रदेश के रायगढ़ इलाके में फॉरेस्ट सर्वे के दौरान घास के कुछ स्थान देखे हैं।
नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।