Dy CM राजेंद्र शुक्ला ने MP कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी: प्रभार जिलों में मंत्रियों के रात्रि विश्राम की अनिवार्यता, महिला सशक्तिकरण केंद्रों की स्थापना

मध्यप्रदेश सरकार ने मंगलवार, 20 अगस्त को संपन्न ही कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिनमें मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों में रात्रि विश्राम की अनिवार्यता और महिला सशक्तिकरण केंद्रों की स्थापना शामिल है।

Update: 2024-08-20 16:49 GMT

मध्यप्रदेश की कैबिनेट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में कई अहम निर्णय लिए हैं, जो राज्य की शासन व्यवस्था और सामाजिक सुधारों पर केंद्रित हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मंत्रियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे अपने प्रभार वाले जिलों में रात्रि विश्राम करें। वे जिला मुख्यालय या किसी भी जनपद या ग्रामीण क्षेत्र में नाइट हॉल्ट कर सकते हैं। यह निर्णय प्रशासनिक निगरानी को और मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।

20 अगस्त, मंगलवार को भोपाल में मध्यप्रदेश के मंत्रिपरिषद की बैठक सीएम डॉ. मोहन यादव के अध्यक्षता में सम्पन्न हुई है। डिप्टी सीएम और लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र कुमार शुक्ला ने कैबिनेट की फैसलों की जानकारी दी।

महिला सशक्तिकरण केंद्रों की स्थापना

राज्य के सभी जिलों में महिला सशक्तिकरण केंद्र खोले जाएंगे। इसके लिए 364 पदों को मंजूरी दी गई है। यह कदम महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। महिला सशक्तिकरण केंद्रों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा।

मदरसों में गैर-मुस्लिम धार्मिक शिक्षा पर प्रतिबंध

कैबिनेट ने मदरसों में गैर-मुस्लिम धार्मिक शिक्षा देने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। संविधान के अनुच्छेद 28(3) के अनुसार, ऐसे मदरसों की मान्यता खत्म करने और अनुदान बंद करने का निर्देश दिया गया है, जो छात्रों को उनके धर्म के विपरीत अन्य धर्म की शिक्षा देने के लिए बाध्य करते हैं। यह निर्णय राज्य में धार्मिक सद्भावना बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।

अविश्वास प्रस्ताव में बदलाव

कैबिनेट ने नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के नियमों में बदलाव किया है। अब अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए दो साल के बजाय तीन साल की अवधि तय की गई है, और इसके लिए दो तिहाई के बजाय तीन चौथाई बहुमत की आवश्यकता होगी।

साइबर तहसील का विस्तार

प्रदेश में साइबर तहसील का विस्तार किया जाएगा। वर्तमान में यह दो जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चल रहा है, जिसे अब सभी जिलों में लागू किया जाएगा। इसके लिए 25 अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।

अन्य फैसले:

चितरंगी में 1320.14 करोड़ रुपये के माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है, जिससे 32,125 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी।

राज्य के नगरीय क्षेत्रों में सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन के लिए टाउन हॉल विकसित किए जाएंगे।

पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से प्लास्टिक मुक्ति पर केंद्रित अभियान शुरू किया जाएगा।

हर जिले में महिला सशक्तिकरण केंद्र

  • महिला सशक्तिकरण केंद्र सभी जिलों में खोले जाएंगे। इसके लिए 364 पदों के लिए मंजूरी दी गई है।
  • इसमें केंद्र और राज्य सरकार के 60:40 प्रतिशत राशि खर्च होगी। 2.73 करोड़ रुपए हर साल खर्च आएगा।
  • राज्य स्तर पर पीएमयू (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) और जिला स्तर पर डीएमआईयू (डिस्ट्रिक्ट मैनेजमेंट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट) की स्थापना की जाएगी।
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