Forensic Science Lab: मेथ, एलएसडी व म्याऊं-म्याऊं जैसे ड्रग्स की अब एमपी में हो सकेगी जांच
MP News: एमपी में केमिकल ड्रग्स का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। ऐसे कई खतरनाक ड्रग्स हैं जिनका टेस्ट प्रदेश में नहीं हो पाता। जिससे पुलिस को जांच में काफी समय लग जाता है।
एमपी में केमिकल ड्रग्स का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। ऐसे कई खतरनाक ड्रग्स हैं जिनका टेस्ट प्रदेश में नहीं हो पाता। जिससे पुलिस को जांच में काफी समय लग जाता है। युवा अब मेथ, एलएसडी और म्याऊं-म्याऊं जैसे खतरनाक ड्रग्स का भी इस्तेमाल करने लगे हैं। जिनकी जांच अब एमपी में भी हो सकेगी। जल्द ही सेंपलों को बाहर भेजने की झंझट से छुटकारा मिल जाएगा।
100 से ज्यादा खतरनाक ड्रग्स की होगी जांच
भोपाल फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) में केमिकल ड्रग्स लैब स्थापित की जा रही है। जिसका कार्य भी अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। यहां नारकोटिक्स के एमडीएमए जैसे 100 से ज्यादा खतरनाक ड्रग्स की जांच हो सकेगी। लैब में गैस क्रोमैटोग्राफी टेंडम मास स्पेक्ट्रोमीटर और एल्कोलाइजर मशीन लगाई जा रही हैं। अब तक प्रदेश की फोरेंसिक साइंस लैब में गांजा, भांग, चरस, अफीम, ब्राउन शुगर जैसे पांच प्रकार के सामान्य मादक पदार्थों के सेंपलों की ही जांच हो पाती थी। प्रदेश में स्थापित चार लैबों में एनडीपीएस के लगभग 7000 सैंपल पेंडिंग हैं।
अभी हैदराबाद भेजे जाते हैं सैंपल
केमिकल ड्रग्स के सैंपल अभी जांच के लिए सीएफएसएल हैदराबाद भेजे जाते हैं। जहां से लंबे समय बाद रिपोर्ट आ पाती हैं। भोपाल में लैब प्रारंभ होने से पुलिस को मात्र एक दिन में टेस्ट रिपोर्ट मिल सकेगी। जीसीएमएसएमएस और एल्कोलाइजर में नए ड्रग्स का सैंपल मिलान करने में यहां केवल 15 मिनट लगेंगे। यहां लाइब्रेरी होगी जो केमिकल ड्रग्स का मिलान कर टेस्ट करेगी। वहीं एल्कोलाइजर से अल्कोहल की मात्रा का भी पता चल सकेगा। प्रदेश भर में नारकोटिक्स के प्रतिमाह लगभग 400 से ज्यादा सैंपल टेस्ट के लिए आते हैं। बताया गया है कि एक लैब में जीसीएमएसएमएस और एल्कोलाइजर मशीन लगाने का खर्च 2.60 करोड़ रुपए आता है।
इनका कहना है
इस संबंध में एफएसएल के डायरेक्टर शशिकांत शुक्ला का कहना है कि एनडीपीएस के नए ड्रग्स के सैंपलों की जांच के लिए जीसीएमएसएमएस और एल्कोलाइजर मशीन की खरीदी कर ली गई है। जिनको इंस्टाॅल करने का काम किया जा रहा है। भोपाल एफएसएल में केमिकल ड्रग्स लैब स्थापित हो रही है। अगले महीने से प्रदेश में केमिकल ड्रग्स के सैंपलों की जांच हो सकेगी। जिसकी रिपोर्ट भी एक दिन में ही मिल जाएगी।