एमपी की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहाल! अस्पताल में नहीं मिले चिकित्सक और नर्स, गेट के बाहर हुआ प्रसव
MP Singrauli News: प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था दिन ब दिन पटरी से उतरती जा रही है।
सिंगरौली- प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था दिन ब दिन पटरी से उतरती जा रही है। विशेषकर प्रदेश के जिले के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रां की स्थिति तो और भी दयनीय है। इसी कड़ी में सिंगरौली जिले के चितरंगी ब्लॉक के करोंदिया उप स्वास्थ्य केन्द्र में घटित घटना ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।
बताया गया है कि प्रसव पीड़ा से परेशान महिला को जब परिजन करोंदिया उप स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे तो यहां परिजनों को न तो चिकित्सक ही मिले और न ही नर्स। महिला दर्द से तड़पती रही, परिजन चिकित्सक और नर्स को तलाशते रहे। लेकिन हर जगह से निराशा मिली। अंत में परिजनों द्वारा अस्पताल के गेट के बाहर ही महिला का प्रसव कराना पड़ा।
स्टाफ ने भर्ती कराने से मना किया
बताया गया है कि क्षेत्र की एक महिला को परिजन प्रसव पीड़ा के चलते चितरंगी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले उपस्वास्थ्य केन्द्र करोंदिया लेकर गए थे। अस्पताल पहुंचते ही परिजनों ने स्टाफ से महिला को भर्ती करने के लिए कहा। लेकिन अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने कहा कि अस्पताल में न तो कोई चिकित्सक की मौजूद है और न ही नर्स। जिसके कारण वह महिला को अस्पताल में भर्ती नहीं कर सकते। इस सभी प्रक्रिया के दौरान महिला दर्द और बढ़ता ही जा रहा था। परिजन मौजूद स्टाफ से महिला को भर्ती करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन स्टाफ नहीं माना।
लोगों ने की मदद
दर्द से कराहते प्रसव पीड़ित महिला की तकलीफ को देखते हुए मौके पर मौजूद लोग सामने आए। कुछ महिलाओं ने गेट के बाहर ही प्रसव पीड़िता को बेडसीट दी। साथ ही एक अनुभवी महिला द्वारा प्रसवपीड़िता का प्रसव कराया गया। जहां महिला ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया।
रीवा में भी आया था एक मामला
रीवा जिले के मनगवां क्षेत्र स्थित एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तीन दिन पूर्व एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जिसमें अस्पताल के गेट का ताला बंद होने के कारण प्रसवपीड़िता ने एंबुलेंस में ही एक नवजात को जन्म दिया। समय पर चिकित्सकीय उपचार न मिलने के कारण कुछ मिनट के बाद नवजात की मौत हो गई थी।