Ganesh Chaturthi: स्वयंभू गणेश मंदिरों में शुमार है एमपी का यह धाम, एक स्वास्तिक बनाने मात्र से मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण

MP News: मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में बहुत ही प्राचीन गणेश मंदिर स्थित है। इस मंदिर को लोग चिंतामन गणेश के नाम से जानते हैं। यहां स्थित चिंतामन गणेश भारत में स्थित चार स्वयंभू मूर्तियों में से एक माने जाते हैं।

Update: 2023-09-18 10:27 GMT

मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में बहुत ही प्राचीन गणेश मंदिर स्थित है। इस मंदिर को लोग चिंतामन गणेश के नाम से जानते हैं। यहां स्थित चिंतामन गणेश भारत में स्थित चार स्वयंभू मूर्तियों में से एक माने जाते हैं। इस प्रतिमा के दर्शन करने के लिए देश भर से काफी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं। गणेश चतुर्थी पर हर वर्ष यहां पर मेले का भी आयोजन किया जाता है।

सम्राट विक्रमादित्य ने करवाया था मंदिर निर्माण

भारत में स्थित चार स्वयंभू चिंतामन गणेश मंदिरों में से एक अति प्राचीन विक्रमादित्य कालीन ऐतिहासिक श्री चिंतामन सिद्ध गणेश मंदिर सीहोर में स्थित है। यह सीहोर के शुगर फैक्ट्री से पश्चिम में स्थित है जिसकी यहां से दूरी लगभग एक किलोमीटर के आसपास है। मूर्ति की स्थापना और मंदिर के संबंध में जानकारों का कहना है कि लगभग 2 हजार वर्ष पूर्व परमार वंश के राजा उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य ने मंदिर का निर्माण करवाया था। यहां भक्तों को आधी मूर्ति के ही दर्शन होते हैं। श्री गणेशजी की मूर्ति का आधा हिस्सा जमीन के अंदर धंसा हुआ है। यह स्वयंभू प्रतिमा है। इस मंदिर का निर्माण महाराज विक्रमादित्य द्वारा श्रीयंत्र के अनुरूप करवाया गया था।

मंदिर में नहीं लगाया जाता था ताला

मंदिर से जुड़े जानकारों का कहना है कि यहां विराजित भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा की आंखों में हीरे जड़े हुए थे। 150 वर्ष पूर्व तक मंदिर में ताला नहीं लगाया जाता था। तब प्रतिमा की आंखों में जड़े हीरे को चोरों ने चोरी कर लिया था। जानकारों की मानें तो उस दौरान गणेशजी की प्रतिमा की आंखों से 21 दिन तक दूध की धारा बही थी। तब भगवान गणेशजी ने पुजारी को स्वप्न दिया और कहा कि मैं खंडित नहीं हुआ हूं। तुम मेरी आंखों में चांदी की नेत्र लगवा दो। तब प्रतिमा की आंखों में चांदी के नेत्र लगवाए गए। गणेश चतुर्थी पर यहां भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है। गणेशजी का दर्शन पाने के लिए दूर-दूर से भक्त यहां पहुंचते हैं।

मन्नत पूरी होने पर बनाते हैं सीधा स्वास्तिक

सीहोर स्थित चिंतामन गणेश मंदिर में प्रदेश भर से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है कि श्रद्धालु भगवान गणेश के सामने अरदास लगाकर मंदिर की दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं। ऐसे में उनकी मनोकामना जल्द ही पूर्ण हो जाती है। इच्छा पूर्ण होने के बाद श्रद्धालुओं द्वारा सीधा स्वास्तिक बनाया जाता है। हर वर्ष यहां गणेश चतुर्दशी के दौरान दस दिवसीय मेले का आयोजन होता है। इस दौरान यहां हजारों की संख्या में भक्त गणपति बप्पा का दीदार करने के लिए आते हैं।

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