एमपी के सतना में प्रेमिका की शादी के दिन से लापता युवक की रेल्वे ट्रैक में मिली लाश, परिजनों ने किया चक्काजाम

परिजनों ने हालांकि किसी पर नामजद आरोप ता नहीं, हत्या की आशंका जरूर जताई है।

Update: 2022-05-14 12:27 GMT

सतना: प्रेमिका की शादी के दिन से लापता युवक की लाश जबलपुर के पनागर रेलवे ट्रैक (Railway Track) में पाई गई। युवक की जहां आंखो में चोंट के निशान है वहीं उसके गुप्तांग को को काटकर एसिड डाला गया है। शरीर में चोंट के निशान है। युवक के शरीर को देख कर जहां उसकी हत्या किए जाने की संभावना बढ़ गई है वहीं पुलिस द्वारा इसे हादसा बताया गया। इस बात को लेकर परिजन इतने आक्रोशित हो गए कि उन्होने सड़क में शव रख कर चक्काजाम कर दिया। अंत में मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों द्वारा दिए गए लिखित आश्वासन के बाद ग्रामीण मान गए।

क्या है मामला

पुलिस ने बताया कि जिले के उंचेहरा थाना अंतर्गत सहिजना निवासी अरविंद सिंह गुरूवार से लापता था। परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की शिकायत थाने में की थी। शिकायत के बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। इसी कड़ी में बीते दिवस युवक का शव पनागर जबलपुर के रेलवे ट्रैक में पाया गया। बीते दिवस परिजन शव को लेकर थाने पहुंचे। लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने की बजाय इस मामले को हादसा या आत्महत्या बताया। परिजनों की माने तो युवक के शरीर में चोंट के निशान है। उसे बुरी तरह से पीटा गया है। फिर भी पुलिस इस घटना को हादसा या आत्महत्या बता कर मामले को टालने का प्रयास कर रही है। इसी बात से आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों ने भरहुत मोड़ के समीप शव को रख का प्रदर्शन करना प्रारंभ कर दिया। जिसके कारण यहां सड़क के दोनो तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। ?

प्रेम-प्रसंग से जुड़ा मामला

बताया गया है कि युवक का क्षेत्र की एक युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। गुरूवार को प्रेमिका की शादी थी। अरविंद को गुरूवार को भरहुत मोड़ के पास देखा गया था। चार बजे तक उसका मोबाइल चालू था। 6 बजे से उसका मोबाइल बंद हो गया था। परिजनों ने हालांकि किसी पर नामजद आरोप तो नहीं लगाया , हत्या का आशंका जरूर जताई है। फिलहाल इस घटना के सही कारणों का पता पीएम रिपोर्ट और पुलिस जांच के बाद ही चल पाएगा।

मौके पर पहुंचे एसडीओपी

चक्काजाम की सूचना मिलने के बाद एसडीओपी मोहित यादव और उंचेहरा थाना प्रभारी डीआर शर्मा मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने युवक की मौके निष्पक्ष जांच की मांग की। लेकिन ग्रामीण नहीं माने। अंत में एसडीओपी ने मामले की जांच का लिखित आश्वासन जब ग्रामीणों को दिया तक कहीं जाकर मामला शांत हुआ।

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